वह एक हीं फूल है
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वह एक हीं फूल है
जो देवता पर
गिरने के बाद
चढ़ाया जाता है,
जो गिरने के बाद
देवता को और प्रिय हो जाता है,
हे मेरे देव!
क्या अपनाओगे मुझे भी
तुम
इस तरह,
मैं
भी होना चाहती हूँ
वही,,,,,,हरसिंगार !!!
वह एक हीं फूल है
जो देवता पर
गिरने के बाद
चढ़ाया जाता है,
जो गिरने के बाद
देवता को और प्रिय हो जाता है,
हे मेरे देव!
क्या अपनाओगे मुझे भी
तुम
इस तरह,
मैं
भी होना चाहती हूँ
वही,,,,,,हरसिंगार !!!