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8 Dec 2022 · 1 min read

वर्तमान भी छूट रहा

भाग रहा भविष्य के पीछे, वर्तमान को समय नहीं है
भाग रहा सुखों के पीछे, सुख से जीने का समय नहीं है
लिए असीमित कामनाएं, बदहवास सा भाग रहा
रौंद रहा है भावनाएं, मृगतृष्णा में जाग रहा
पड़ा हुआ है कल पीछे,आज रहा न काल रहा
चलता रहा काल का पहिया,जीने का न समय रहा
कभी भूत कभी भविष्य में, वर्तमान भी छूट रहा
सुरेश कुमार चतुर्वेदी

6 Likes · 2 Comments · 108 Views

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