लोग जाने किधर गये
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/14d7c033d12e0ddabe86fe5e3119be11_a0e45088cd4934c59865b3703c81ec3d_600.jpg)
अवशेष शेष बचे यादों के
लोग जाने किधर गये
जो थे खास बहुत वो
लोग जाने किधर गये
अधरों पर है अब मौन
लोग जाने किधर गये
खुल कर मिलते थे जो वो
लोग जाने किधर गये
बिन बातों के भी जो कर लेते थे बातें वो
लोग जाने किधर गये
समय का पहिया घुमा ऐसा भाई
जान से प्यारे थे जो लोग
वो जाने किधर गये