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2 Feb 2024 · 1 min read

चिरैया पूछेंगी एक दिन

चिरैया पूछेंगी एक दिन मेरा छज्जा किधर गया
तिनके तिनके से जोड़ा था वो छज्जा किधर गया
धूप में तप तप कर मैं लायी थी तिनका
बड़ी ही मेहनत से बनाया था एक छज्जा

खुशियां से भरा हुआ था मेरा एक छज्जा
बताओ तो प्यारे कहा गया मेरा वो छज्जा
पेड़ की वो डगना जिस पर बना था वो छज्जा
ना पेड़ दिख रहा है ना ही दिख रही है वो डगना

मेरे बच्चों तुम ने किधर किया है वो छज्जा
प्रेम से जीते थे और प्यार में रहते थे
उलझनों को यूं ही सुलझा लेते थे
हंसते थे गाते थे और मौज में रहते थे
मेरे बच्चों बताओ तुम ने किधर किया है वो छज्जा

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