राम अवध के
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जै श्री राम
था अटूट विश्वास अवध में, मंदिर के निर्माण की।
लाखों राम भक्त ने दे दी, आहुत खुद के प्राण की।।
राम अवध में अवध राम में, अलग कौन कर सकता था।
कोशिश तो बहुतों ने की, पर अवध राम में बसता था।।
तुलसी जैसे कवियों ने भी, लड़ी लड़ाई राम अवध की।
घर घर तक जागरण किया, कही कहानी रावण वध की।।
रोम रोम में राम बसे है, कह कबीर राम बसे घट घट में।
राम अवध के तत्व बिंदु है, जो बसे सदा सरजू के तट में।।
राम चंद्र आ रहे अवध में, जन्म स्थान पर स्थापित होंगे।
खुश है अब सत्य सनातन, राक्षस सब विस्थापित होंगे।।
जय श्री राम
तैयारी करें, श्री राम मंदिर में स्थापित होंगे, आप अपने मन, वचन और कर्म में उनको स्थापित करें, तो राम राज्य भी आएगा ही।