Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 May 2023 · 1 min read

रखिए गीला तौलिया, मुखमंडल के पास (कुंडलिया)

रखिए गीला तौलिया, मुखमंडल के पास (कुंडलिया)
*********************************
रखिए गीला तौलिया , मुखमंडल के पास
धुऑं न भीतर जा सके, पल-पल आए श्वास
पल-पल आए श्वास, आग से बचना सीखो
दम घुटने से मौत , मौत से बचते दीखो
कहते रवि कविराय ,परिस्थिति सदा परखिए
काबू में हो होश , धैर्य को मन में रखिए
————————————————–
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99 97 61 545 1

8 Views

Books from Ravi Prakash

You may also like:
क्यों इतना मुश्किल है
क्यों इतना मुश्किल है
Surinder blackpen
हाल-ए-दिल जब छुपा कर रखा, जाने कैसे तब खामोशी भी ये सुन जाती है, और दर्द लिए कराहे तो, चीखों को अनसुना कर मुँह फेर जाती है।
हाल-ए-दिल जब छुपा कर रखा, जाने कैसे तब खामोशी भी ये सुन जाती है, और दर्द लिए कराहे तो, चीखों को अनसुना कर मुँह फेर जाती है।
Manisha Manjari
उस पार की आबोहवां में जरासी मोहब्बत भर दे
उस पार की आबोहवां में जरासी मोहब्बत भर दे
'अशांत' शेखर
*श्रंगार रस की पाँच कुंडलियाँ*
*श्रंगार रस की पाँच कुंडलियाँ*
Ravi Prakash
धरती का बेटा
धरती का बेटा
Prakash Chandra
#यदा_कदा_संवाद_मधुर, #छल_का_परिचायक।
#यदा_कदा_संवाद_मधुर, #छल_का_परिचायक।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
দিগন্তে ছেয়ে আছে ধুলো
দিগন্তে ছেয়ে আছে ধুলো
Sakhawat Jisan
दिल की दहलीज पर कदमों के निशा आज भी है
दिल की दहलीज पर कदमों के निशा आज भी है
कवि दीपक बवेजा
मुझे मिले हैं जो रहमत उसी की वो जाने।
मुझे मिले हैं जो रहमत उसी की वो जाने।
सत्य कुमार प्रेमी
होली के रंग
होली के रंग
Anju ( Ojhal )
रिश्ते सम्भालन् राखियो, रिश्तें काँची डोर समान।
रिश्ते सम्भालन् राखियो, रिश्तें काँची डोर समान।
Anil chobisa
तसल्ली मुझे जीने की,
तसल्ली मुझे जीने की,
Vishal babu (vishu)
तू भी धक्के खा, हे मुसाफिर ! ,
तू भी धक्के खा, हे मुसाफिर ! ,
Buddha Prakash
💐अज्ञात के प्रति-12💐
💐अज्ञात के प्रति-12💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
* पराया मत समझ लेना *
* पराया मत समझ लेना *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
■ सुविचार
■ सुविचार
*Author प्रणय प्रभात*
बेकारी का सवाल
बेकारी का सवाल
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
चले जाना
चले जाना
Dr. Rajiv
नारी अस्मिता
नारी अस्मिता
Shyam Sundar Subramanian
*शिकायतें तो बहुत सी है इस जिंदगी से ,परंतु चुप चाप मौन रहकर
*शिकायतें तो बहुत सी है इस जिंदगी से ,परंतु चुप चाप मौन रहकर
Shashi kala vyas
अजब-गजब इन्सान...
अजब-गजब इन्सान...
डॉ.सीमा अग्रवाल
हे री सखी मत डाल अब इतना रंग गुलाल
हे री सखी मत डाल अब इतना रंग गुलाल
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
ग़ज़ल - इश्क़ है
ग़ज़ल - इश्क़ है
Mahendra Narayan
यह जो तुम बांधती हो पैरों में अपने काला धागा ,
यह जो तुम बांधती हो पैरों में अपने काला धागा ,
श्याम सिंह बिष्ट
प्यार
प्यार
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
तलाक़ का जश्न…
तलाक़ का जश्न…
Anand Kumar
माना सच है वो कमजर्फ कमीन बहुत  है।
माना सच है वो कमजर्फ कमीन बहुत है।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
मेरी-तेरी पाती
मेरी-तेरी पाती
Ravi Ghayal
जीवन के बुझे हुए चिराग़...!!!
जीवन के बुझे हुए चिराग़...!!!
Jyoti Khari
सफर
सफर
Arti Bhadauria
Loading...