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21 Jun 2023 · 1 min read

योग तराना एक गीत (विश्व योग दिवस)

गाओ सब मिल योग तराना धरती के इंसान रे
चाहे ईश्वर चाहे अल्लाह चाहे कहो भगवान रे
कोई न हो बीमार जगत में, न कोई रहे विकारी
कहीं न हिंसा द़ेष रहे, निर्मल हो दुनिया सारी
यम नियम आसन है सद्गुण, प्रत्याहार महान रे
ध्यान धारणा और समाधि, ईश्वर प्राणीधान रे
तन से आसन करें नित्य हम, मन से ध्यान लगाना
प्रेम शांति की अलख जगा कर, दुनिया को महकाना
सब में ईश्वर सब में अल्लाह, सब में है भगवान रे
सब बंदों में दौड़ रहा है, एक खून एक प्राण रे
प्रेम अमन सुख शांति सभी के, जीवन में आ जाए
योग करे सारी दुनिया, गीत नया दोहराए
जग में सबसे प्रेम करें, धरती वासी इंसान रे
जीव ब्रह्म का मिलन योग, सुन धरती के इंसान रे
योग ज्ञान है, योग ध्यान है, योग है भगवत गीता
जो जन मन से ध्यान लगाकर, योग का अमृत पीता
लोक और परलोक संवारे, जीवन बने महान रे
योग महाविज्ञान जगत में, महिमा को पहचान रे
ज्ञान भक्ति और कर्म योग, गीता में कृष्ण ने गाया
आदि देव महादेव शिवा ने, सती को जो समझाया
पतंजलि और ऋषि मुनि ने, जन-जन को बतलाया
ज्ञान भक्ति और कर्म योग से, मत रहना अनजान रे
राजयोग अष्टांग योग है, भारत की पहचान रे
गाओ सब मिल योग तराना, धरती के इंसान रे

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
Tag: गीत
437 Views
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