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21 Feb 2017 · 1 min read

~~ ये कैसा नशा ~~

नशा अगर बोतल में
होता तो सच है.
बोतले लडखडा जाया करती
यह तो पीने वाला
जमाने को दिखाने को
और और खुद बहक कर
अपराध किया करता है !!

फिर न लगे आरोप
खुद पर इस लिए
नशे मन का सहारा
वो लिया करता है !!

क्या उस के होश
उस वक्त ही गुम क्यूं
हो जाया करते हैं
कभी बहन के सामने
इस तरह के दिखावे
हुआ क्यूं नहीं करते हैं ???

वाह रे पीने वाले
जरा होश में आ
पीने के बाद दोष
शराब को ही नहीं
दिया करते हैं
जरा खुद को समझा !!!!

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
Tag: कविता
303 Views

Books from गायक और लेखक अजीत कुमार तलवार

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