Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jul 2016 · 1 min read

युवक की अभिलाषा

अभिलाषा ( भाग दो )

@——युवक की अभिलाषा —-@

पत्नी ऐसी दीजीए, हमको तुम भगवान !
देखन में ऐश्वर्या लगे, सुंदरता की खान !!

संस्कारी बहु बने घर की रखे साफ़ सफाई !
सारा घर का काम करे, बनकर शांताबाई !!

रेखा जैसा जलवा हो,जो साठ में भी युवा लगे !
प्रियंका सी फिगर रखती, माधुरी सा डांस करे !!

सोनिया जैसी चतुर हो,किरण जैसी दमदार !
मैरीकॉम से मेडल जीते, संभाल के परिवार !!

हर काम में अव्वल हो,रहे पति सेवा को तैयार !
स्वादिस्ट भोजन बनाये,वो प्यार करे बेसुमार !!

पत्नी ऐसी दीजीए , हमको तुम भगवान !
कभी न कोई मांग हो,करे न्योछावर प्राण !!

@———-डी. के. निवातियाँ !!

Language: Hindi
4 Comments · 598 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डी. के. निवातिया
View all

You may also like these posts

अनंत प्रकृति का नव आगमन
अनंत प्रकृति का नव आगमन
Anant Yadav
इस जहां में देखा हमने हर चीज का तोड़ है,
इस जहां में देखा हमने हर चीज का तोड़ है,
Keshav kishor Kumar
मनमीत
मनमीत
D.N. Jha
दौर ऐसा हैं
दौर ऐसा हैं
SHAMA PARVEEN
3831.💐 *पूर्णिका* 💐
3831.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
नजरे तो मिला ऐ भरत भाई
नजरे तो मिला ऐ भरत भाई
Baldev Chauhan
*मतदान*
*मतदान*
Shashi kala vyas
जब सारे फूल ! एक-एक कर झर जाएँगे तुम्हारे जीवन से पतझर की बे
जब सारे फूल ! एक-एक कर झर जाएँगे तुम्हारे जीवन से पतझर की बे
Shubham Pandey (S P)
पुरुष नाजुक सा बच्चा है।
पुरुष नाजुक सा बच्चा है।
Rahul Singh
नाग पंचमी आज
नाग पंचमी आज
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
" Happiness: An expression of pure souls "
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
थोड़ा विश्राम चाहता हू,
थोड़ा विश्राम चाहता हू,
Umender kumar
गीता सार
गीता सार
Rajesh Kumar Kaurav
*ज्ञानी (बाल कविता)*
*ज्ञानी (बाल कविता)*
Ravi Prakash
कितना छुपाऊँ, कितना लिखूँ
कितना छुपाऊँ, कितना लिखूँ
Dr. Kishan tandon kranti
रहब यदि  संग मे हमर ,सफल हम शीघ्र भ जायब !
रहब यदि संग मे हमर ,सफल हम शीघ्र भ जायब !
DrLakshman Jha Parimal
एक चंचल,बिंदास सी छवि थी वो
एक चंचल,बिंदास सी छवि थी वो
Vaishaligoel
सारे जग को मानवता का पाठ पढ़ा कर चले गए...
सारे जग को मानवता का पाठ पढ़ा कर चले गए...
Sunil Suman
मन मेरा क्यों उदास है.....!
मन मेरा क्यों उदास है.....!
VEDANTA PATEL
कटा के ये पर आसमां ढूंढ़ती है...
कटा के ये पर आसमां ढूंढ़ती है...
Priya Maithil
Dr. Arun Kumar Shastri – Ek Abodh Balak – Arun Atript
Dr. Arun Kumar Shastri – Ek Abodh Balak – Arun Atript
DR ARUN KUMAR SHASTRI
असलियत को छुपाने वाले अक़्सर मुखोटा लगाते है
असलियत को छुपाने वाले अक़्सर मुखोटा लगाते है
Bhupendra Rawat
साया हट गया है, फिर नया बरगद तलाशिये...
साया हट गया है, फिर नया बरगद तलाशिये...
sushil yadav
दोहा
दोहा
Shriyansh Gupta
तेरा ही आभाव हैं
तेरा ही आभाव हैं
Er.Navaneet R Shandily
!...............!
!...............!
शेखर सिंह
जब ख्वाब भी दर्द देने लगे
जब ख्वाब भी दर्द देने लगे
Pramila sultan
दूर कब तक भला मैं तुझसे रहूं
दूर कब तक भला मैं तुझसे रहूं
इंजी. संजय श्रीवास्तव
अमृतध्वनि छंद
अमृतध्वनि छंद
Rambali Mishra
आंखो के सपने और ख्वाब
आंखो के सपने और ख्वाब
Akash RC Sharma
Loading...