* याद कर लें *
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** गीतिका **
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आज शैशवकाल अपना याद कर लें।
दूर हम अपना तनिक अवसाद कर लें।
कीमती है हर समय जो सामने है।
एक पल भी क्यों भला बर्बाद कर लें।
सोच कर हम हर कदम आगे बढ़ाएं।
दूर मन में बस चुका उन्माद कर लें।
व्यर्थ के कुछ ढोल हैं हमने उठाए।
बंधनों से जिन्दगी आजाद कर लें।
जो समय बीता नहीं है लौट सकता।
है उचित हम आपसी संवाद कर लें।
साथ कोई हर समय देता नहीं जब।
हम इरादों को स्वयं फौलाद कर लें।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य, २९/१०/२०२३