Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Oct 2016 · 1 min read

मौसम

इन आंखो मे बरसात का मौसम न मिलेगा
तुम लौट के आओगे तो सावन न मिलेगा

रोके से रूकेंगे न ये बहते हुये आंसू
जब तक इन्हे आपका दामन न मिलेगा

भीगी हुईपलको से करेगें इन्तजार
हर वक्त खुला दिल का मकान मिलेगा

है यकीं मुझको तेरे करम पे मालिक
मेरी वफा को यार का इनाम मिलेगा

193 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
वह मेरे किरदार में ऐब निकालता है
वह मेरे किरदार में ऐब निकालता है
कवि दीपक बवेजा
'Memories some sweet and some sour..'
'Memories some sweet and some sour..'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
प्रणय 8
प्रणय 8
Ankita Patel
अब इस मुकाम पर आकर
अब इस मुकाम पर आकर
shabina. Naaz
मायका  (कुंडलिया)
मायका (कुंडलिया)
Ravi Prakash
फिल्मी नशा संग नशे की फिल्म
फिल्मी नशा संग नशे की फिल्म
Sandeep Pande
हल्ला बोल
हल्ला बोल
Shekhar Chandra Mitra
रहे न अगर आस तो....
रहे न अगर आस तो....
डॉ.सीमा अग्रवाल
नियत
नियत
Shutisha Rajput
रंग मे रंगोली मे गीत मे बोली
रंग मे रंगोली मे गीत मे बोली
Vindhya Prakash Mishra
वही दरिया के  पार  करता  है
वही दरिया के पार करता है
Anil Mishra Prahari
मेला
मेला
Dr.Priya Soni Khare
फूलों जैसा कोमल बनकर
फूलों जैसा कोमल बनकर
Chunnu Lal Gupta
बेटी को मत मारो 🙏
बेटी को मत मारो 🙏
Samar babu
एक तुम्हारे होने से....!!!
एक तुम्हारे होने से....!!!
Kanchan Khanna
"साड़ी"
Dr. Kishan tandon kranti
कविता -दो जून
कविता -दो जून
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
दिल में जो आता है।
दिल में जो आता है।
Taj Mohammad
मेरा पिता! मुझको कभी गिरने नही देगा
मेरा पिता! मुझको कभी गिरने नही देगा
अनूप अम्बर
जरूरत
जरूरत
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कुछ मीठे से शहद से तेरे लब लग रहे थे
कुछ मीठे से शहद से तेरे लब लग रहे थे
Sonu sugandh
हमने तो सोचा था कि
हमने तो सोचा था कि
gurudeenverma198
ਮੈਂ ਕਿਹਾ ਸੀ ਉਹਨੂੰ
ਮੈਂ ਕਿਹਾ ਸੀ ਉਹਨੂੰ
Surinder blackpen
Mujhe laga tha irade majbut hai mere ,
Mujhe laga tha irade majbut hai mere ,
Sakshi Tripathi
भौतिकता
भौतिकता
लक्ष्मी सिंह
कलाकृति बनाम अश्लीलता।
कलाकृति बनाम अश्लीलता।
Acharya Rama Nand Mandal
लिख सकता हूँ ।।
लिख सकता हूँ ।।
अभिषेक पाण्डेय ‘अभि ’
निज धृत
निज धृत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
■ शेर
■ शेर
*Author प्रणय प्रभात*
💐अज्ञात के प्रति-30💐
💐अज्ञात के प्रति-30💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Loading...