Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Mar 2023 · 1 min read

मैं आग लगाने आया हूं

जो सदियों से सोए हुए
बस उन्हें जगाने आया हूं
मूर्दों की इस बस्ती में
मैं आग लगाने आया हूं…
(१)
मज़हब के रखवालों ने
तुम्हारा बेड़ा ग़र्क़ किया
इनसे ज़रा सावधान रहना
यह तुम्हें बताने आया हूं…
(२)
जिस पर चलने में सबकी
तरक्की और खुशहाली हो
तालीम और अख़लाक की
वही राह दिखाने आया हूं…
(३)
भेड़ों की खाल में छुपे हुए
कितने खूंख़ार भेड़िए
अपने देश और समाज को
उन सबसे बचाने आया हूं…
(४)
जिसे लिखा था भगतसिंह ने
अपने दिल के ख़ून से
बगावत और इंक़लाब का
वही गीत सुनाने आया हूं…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#इंकलाब #नारा #बगावत #क्रांतिकारी
#मज़दूर #सियासत #भगतसिंह #विपक्ष
#फांसी #कवि #गीतकार #हल्लाबोल
#lyricist #lyrics #bollywood

Language: Hindi
Tag: गीत
49 Views
Join our official announcements group on Whatsapp & get all the major updates from Sahityapedia directly on Whatsapp.
You may also like:
कुछ मन्नतें पूरी होने तक वफ़ादार रहना ऐ ज़िन्दगी.
कुछ मन्नतें पूरी होने तक वफ़ादार रहना ऐ ज़िन्दगी.
पूर्वार्थ
गांधी जी का चौथा बंदर
गांधी जी का चौथा बंदर
नन्दलाल सिंह 'कांतिपति'
पृथ्वीराज
पृथ्वीराज
Sandeep Pande
श्रीराम का पता
श्रीराम का पता
नन्दलाल सुथार "राही"
💐प्रेम कौतुक-449💐
💐प्रेम कौतुक-449💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*किसी बच्चे के जैसे मत खिलौनों से बहल जाता (मुक्तक)*
*किसी बच्चे के जैसे मत खिलौनों से बहल जाता (मुक्तक)*
Ravi Prakash
दोस्ती
दोस्ती
Shashi Dhar Kumar
बिहार दिवस  (22 मार्च 2023, 111 वां स्थापना दिवस)
बिहार दिवस  (22 मार्च 2023, 111 वां स्थापना दिवस)
रुपेश कुमार
अपनी हस्ती को मिटाना
अपनी हस्ती को मिटाना
Dr. Sunita Singh
दुआ
दुआ
डॉ प्रवीण ठाकुर
शाम की चाय पर
शाम की चाय पर
Surinder blackpen
मां का आंचल(Happy mothers day)👨‍👩‍👧‍👧
मां का आंचल(Happy mothers day)👨‍👩‍👧‍👧
Ms.Ankit Halke jha
दिया एक जलाए
दिया एक जलाए
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
किसी गैर के पल्लू से बंधी चवन्नी को सिक्का समझना मूर्खता होत
किसी गैर के पल्लू से बंधी चवन्नी को सिक्का समझना मूर्खता होत
विमला महरिया मौज
तन्हा हूं,मुझे तन्हा रहने दो
तन्हा हूं,मुझे तन्हा रहने दो
Ram Krishan Rastogi
जिम्मेदारी और पिता (मार्मिक कविता)
जिम्मेदारी और पिता (मार्मिक कविता)
Dr. Kishan Karigar
नारी वो…जो..
नारी वो…जो..
Rekha Drolia
अजब-गजब नट भील से, इस जीवन के रूप
अजब-गजब नट भील से, इस जीवन के रूप
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
कल भी वही समस्या थी ,
कल भी वही समस्या थी ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
"लड़कर जीना"
Dr. Kishan tandon kranti
कोई फाक़ो से मर गया होगा
कोई फाक़ो से मर गया होगा
Dr fauzia Naseem shad
Rang hi khuch aisa hai hmare ishk ka , ki unhe fika lgta hai
Rang hi khuch aisa hai hmare ishk ka , ki unhe fika lgta hai
Sakshi Tripathi
2310.पूर्णिका
2310.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
छिपकली बन रात को जो, मस्त कीड़े खा रहे हैं ।
छिपकली बन रात को जो, मस्त कीड़े खा रहे हैं ।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
वह मेरे किरदार में ऐब निकालता है
वह मेरे किरदार में ऐब निकालता है
कवि दीपक बवेजा
कटी नयन में रात...
कटी नयन में रात...
डॉ.सीमा अग्रवाल
परिचय
परिचय
Pakhi Jain
राम सिया की होली देख अवध में, हनुमंत लगे हर्षांने।
राम सिया की होली देख अवध में, हनुमंत लगे हर्षांने।
राकेश चौरसिया
सरकार
सरकार "सीटों" से बनती है
*Author प्रणय प्रभात*
खुद पर यकीं
खुद पर यकीं
Satish Srijan
Loading...