मेरे भोले भण्डारी
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मेरे भोले भण्डारी
– डॉ० उपासना पाण्डेय
ओ मेरे भोले भण्डारी!
तुम्हरी है महिमा न्यारी।
तेरी छवि है अति प्यारी,
हम सब जाती बलिहारी ।
यह सावन की हरियाली,
सबके मन को है लुभाती।
सज गई हैं पूजा की थाली,
भक्तन मंदिरों में भजन हैं गाती।
नदियों में शिव ने जटा पसारी,
पापियों के मन हो गए भारी।
नभ में छायी घटा है कारी,
पानी-पानी हो गई धरा ये सारी।
तुम्हरे दर्शन कब होगें अवतारी?
मन में आस लगाए संसारी।
प्रतीक्षा में बिछाएँ आँखें कजरारी,
राह निहारे ‘उपासना’ तुम्हारी ।