मेरी घरवाली
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मेरी घरवाली
दुनिया भर में नई निराली आंख मूंद कर देखी भाली
मेरी घरवाली…
ब्यूटी पार्लर वाला भभका,
देखा देखी मैं मन अटका
सूंघ सांघकर यह हीरामन
पिंजड़े में ही चहका फुदका
उसे ब्याहने की रो में फिर
चका चौंध बारात निकाली
मेरी घरवाली…
हंसी-खुशी में गाल फूलाती,
फिर मैंने में आंख दिखाती
करवाचौथ पुजे मैके में,
दुनिया मेरी हंसी उड़ाती
शादी करके मैं भर पाया
मैडम उजाले मां की काली
मेरी घरवाली….
: राकेश देवडे़ बिरसावादी