मेरा जो प्रश्न है उसका जवाब है कि नहीं।

गज़ल
1212…..1122….1212…..22
मेरा जो प्रश्न है उसका जवाब है कि नहीं।
दिया जो प्यार में था वो गुलाब है कि नहीं।
तेरे लबों से, जो पी थी, वही पिला साकी,
तेरी सुराही में, वो ही शराब है कि नहीं।
जमीं से दूर कहीं, चांद पर रहेंगे हम,
तेरे ज़हन में अभी भी, वो ख्वाब है कि नहीं।
कोई न देख ले चेहरे की तेरे रानाई,
वो मलमली सा पुराना हिजाब है कि नहीं।
मैं जिसको देख के कुर्बान हो गया प्रेमी,
तुम्हारे हुस्न का वो ही शबाब है कि नहीं।
……..✍️ सत्य कुमार प्रेमी