Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jun 2016 · 1 min read

मुक्तक

निशाने पर सदा बिजली के रहता आशियाना है,
ख़ुशी की ख़ुदकुशी का भी निशां दिल में पुराना है।
खरीदा हसरतों को बेच कर ख्वाबों की कीमत पर,
हमारे पास बस यारों, मुहब्बत का खज़ाना है।

दीपशिखा सागर-

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 1342 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मेरी साँसों से अपनी साँसों को - अंदाज़े बयाँ
मेरी साँसों से अपनी साँसों को - अंदाज़े बयाँ
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बारिश का मौसम 🌧️
बारिश का मौसम 🌧️
Skanda Joshi
ईद मनाते हैं।
ईद मनाते हैं।
Taj Mohammad
हक़ीक़त का आईना था
हक़ीक़त का आईना था
Dr fauzia Naseem shad
यह तो बाद में ही मालूम होगा
यह तो बाद में ही मालूम होगा
gurudeenverma198
#मेरे_दोहे
#मेरे_दोहे
*Author प्रणय प्रभात*
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
में हूं हिन्दुस्तान
में हूं हिन्दुस्तान
Irshad Aatif
ऐलान कर दिया....
ऐलान कर दिया....
डॉ.सीमा अग्रवाल
पुस्तकों से प्यार
पुस्तकों से प्यार
surenderpal vaidya
राष्ट्रप्रेम
राष्ट्रप्रेम
Dr. Pradeep Kumar Sharma
युँ ही नहीं जिंदगी हर लम्हा अंदर से तोड़ रही,
युँ ही नहीं जिंदगी हर लम्हा अंदर से तोड़ रही,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
धैर्य
धैर्य
लक्ष्मी सिंह
मैंने तो बस उसे याद किया,
मैंने तो बस उसे याद किया,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
पल-पल यू मरना
पल-पल यू मरना
The_dk_poetry
अंतिमदर्शन
अंतिमदर्शन
विनोद सिन्हा "सुदामा"
मेहनत
मेहनत
Sushil chauhan
शिक्षा में जातिवाद
शिक्षा में जातिवाद
Shekhar Chandra Mitra
"मां बाप"
Dr Meenu Poonia
It's not about you have said anything wrong its about you ha
It's not about you have said anything wrong its about you ha
Nupur Pathak
कुछ लोग बात तो बहुत अच्छे कर लेते है, पर उनकी बातों में विश्
कुछ लोग बात तो बहुत अच्छे कर लेते है, पर उनकी बातों में विश्
जय लगन कुमार हैप्पी
उत्कर्षता
उत्कर्षता
अंजनीत निज्जर
अलविदा दिसम्बर
अलविदा दिसम्बर
Dr Archana Gupta
ग़ज़ल -
ग़ज़ल -
Mahendra Narayan
हाइकु:-(राम-रावण युद्ध)
हाइकु:-(राम-रावण युद्ध)
Prabhudayal Raniwal
मुकरियां __नींद
मुकरियां __नींद
Manu Vashistha
*फीता काटने की कला (हास्य-व्यंग्य)*
*फीता काटने की कला (हास्य-व्यंग्य)*
Ravi Prakash
गीत प्रतियोगिता के लिए
गीत प्रतियोगिता के लिए
Manisha joshi mani
हो मापनी, मफ़्हूम, रब्त तब कहो ग़ज़ल।
हो मापनी, मफ़्हूम, रब्त तब कहो ग़ज़ल।
सत्य कुमार प्रेमी
ओस की बूँदें - नज़्म
ओस की बूँदें - नज़्म
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
Loading...