मानस तरंग कीर्तन वंदना शंकर भगवान
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/ca0161d94aa9fa184a4d91f49527c4e5_cc640fd3e8ddfde78f0e3ab43dbff5bf_600.jpg)
टेक करता हूँ बन्दना मेरी स्वीकार करेंगे। भगवान भोले बाबा बेड़ा पार करेंगे। जे जे कैलाशी जे जे कैलाशी ॥
अo – इनका हो एक है हमें इस बग में सहारा इनके हो बल पै राम ने रावण को थाम ॥ भव सिन्धु से ये ही मेरा उद्धार करेंगे भगवान भोले बाबा बेड़ा पार करेंगे । जे जे –
“अ०-ये हो तो रुद्र देह से हनुमान बने थे । इनसे ही तो रघुनाथ के सब काम चले थे | करते रहे उपकार ये उपकार करेंगे भगवान भोले बाबा बेड़ा पार करेंगे । जे जै …-
अब ये वो है हलाहल बिन्हों ने पान किया था । ये वो है जो भस्मासुर को वरदान दिया था । ये कलियुग रूपी अहिरावण पर वार करेंगे । भगवान भोले बाबा बेड़ा पार करेंगे । जै जै –
अ० – वरंप का मण्डल ये भूदेव यहीं है । गोरा के पिया हैं वही रंग यहीं है । ये पागल को नया नहीं माघार करेंगे । भगवान भोले बाबा बेड़ा पार करेंगे । जे जे