माँ की गोद में
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सुनो अजादी सा दुनिया में,
कोई नहीं प्रमोद है।
स्वर्ग अगर मानो धरती पर,
प्यारी माँ की गोद है।
जो सुख माँ के आंचल मिलता,
‘सुमन’ कहीं क्या और है।
जननी सम तुम देखो जग में,
भला कौन सिरमौर है।
माता का मातृत्व माप ले,
कहो कहाँ वह माप है।
सागर गोताखोरी कर के,
कौन सका तल भाँप है ।
सुवन रत्न जननी से जन्मे,
देखो ध्रुव प्रहलाद हैं।
राम कृष्ण अरु मीरा तुलसी,
इसके देख प्रमाण हैं।