Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 May 2023 · 1 min read

मन की बातें , दिल क्यों सुनता

मन की बातें , दिल क्यों सुनता

मन की बातें , दिल क्यों सुनता
चल मन बूझें , एक पहेली

मन का सम्मोहन , क्यों पूरे तन
मन की दुनिया अजब निराली

मन के आँगन में तुम उतरो
महक उठे मन आँगन – आँगन

मन का देह से रिश्ता कैसा
यह तो है स्वच्छंद विचरता

मन के भीतर झाँक के देखो
मन के अंतर्मन को पहचानो

मन के मौन में प्रश्न बहुत हैं
इन प्रश्नों से नाता जोड़ो

मन को कौन करे संचालित
क्या यह है ईश्वर पर आश्रित

मन हिंसक प्रतियोगी क्यों है
अहंकार भाव में उलझा

मेरा मन तुम्हारे मन से अलग क्यों
मन के ईश्वर अलग – अलग क्यों

मन की तृष्णा मन ही जाने
तन को ये बस साधन जाने

मन तेरा क्यों डोल रहा है
तन से कुछ ये बोल रहा है

पावन मन की सुन्दर बातें
तन की सुन्दरता की पोषक

मन की चेतना , देह चेतना
मन फिर इतना चंचल क्यों है

मन का धैर्य , मन की मर्यादा
स्वच्छ जीवन की अभिलाषा

मन के हारे हार है
मन के जीते जीत

मन की बातें , दिल क्यों सुनता
चल मन बूझें , एक पहेली

Language: Hindi
1 Like · 82 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
View all
You may also like:
दर्द भरा गीत यहाँ गाया जा सकता है Vinit Singh Shayar
दर्द भरा गीत यहाँ गाया जा सकता है Vinit Singh Shayar
Vinit kumar
तिरंगा मन में कैसे फहराओगे ?
तिरंगा मन में कैसे फहराओगे ?
ओनिका सेतिया 'अनु '
✍️मैंने पूछा कलम से✍️
✍️मैंने पूछा कलम से✍️
'अशांत' शेखर
गले लोकतंत्र के नंगे / मुसाफ़िर बैठा
गले लोकतंत्र के नंगे / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
मत करना
मत करना
dks.lhp
प्यादों की कुर्बानी
प्यादों की कुर्बानी
Shekhar Chandra Mitra
*चाची जी श्रीमती लक्ष्मी देवी : स्मृति*
*चाची जी श्रीमती लक्ष्मी देवी : स्मृति*
Ravi Prakash
कहो‌ नाम
कहो‌ नाम
Varun Singh Gautam
गुजरे लम्हे सुनो बहुत सुहाने थे
गुजरे लम्हे सुनो बहुत सुहाने थे
VINOD KUMAR CHAUHAN
शैशव की लयबद्ध तरंगे
शैशव की लयबद्ध तरंगे
Rashmi Sanjay
भूल जाते हैं
भूल जाते हैं
Dr fauzia Naseem shad
भारत ने रचा इतिहास।
भारत ने रचा इतिहास।
Anil Mishra Prahari
किसी ज्योति ने मुझको यूं जीवन दिया
किसी ज्योति ने मुझको यूं जीवन दिया
gurudeenverma198
मेरी बनारस यात्रा
मेरी बनारस यात्रा
विनोद सिल्ला
बंदिशें
बंदिशें
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कठिन परिश्रम साध्य है, यही हर्ष आधार।
कठिन परिश्रम साध्य है, यही हर्ष आधार।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
2330.पूर्णिका
2330.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
पेड़ पौधे (ताटंक छन्द)
पेड़ पौधे (ताटंक छन्द)
नाथ सोनांचली
#लघुकथा
#लघुकथा
*Author प्रणय प्रभात*
गीत।।। ओवर थिंकिंग
गीत।।। ओवर थिंकिंग
Shiva Awasthi
सुबह भी तुम, शाम भी तुम
सुबह भी तुम, शाम भी तुम
Writer_ermkumar
खुद के वजूद को।
खुद के वजूद को।
Taj Mohammad
💐प्रेम कौतुक-533💐
💐प्रेम कौतुक-533💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
गज़ल
गज़ल
जगदीश शर्मा सहज
प्यार के सिलसिले
प्यार के सिलसिले
Basant Bhagawan Roy
*if my identity is lost
*if my identity is lost
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बचपन की यादें
बचपन की यादें
Anamika Singh
ग़ज़ल
ग़ज़ल
नितिन पंडित
कभी किताब से गुज़रे
कभी किताब से गुज़रे
Ranjana Verma
" पर्व गोर्वधन "
Dr Meenu Poonia
Loading...