बोले सब सर्दी पड़ी (हास्य कुंडलिया)
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/6454f591fe88c2fdc550fc4d3b8edeab_e1fff2310f7f353cf65210363212d78d_600.jpg)
बोले सब सर्दी पड़ी (हास्य कुंडलिया)
____________________________
बोले सब सर्दी पड़ी, हाहाकारी आज
सर्दी में पानी जमा, सर्दी में आवाज
सर्दी में आवाज, शब्द जब मुँह से आए
ठंडक से वे शब्द, बर्फ-से जमते पाए
कहते रवि कविराय ,न कोई मुँह को खोले
जम जाएगी जीभ, अगर थोड़ा भी बोले
————————————————-
रचयिता:रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा,रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451