Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jan 2017 · 1 min read

बोझ गधा ही ढोता क्यों है?

शेर नहीं मुँह धोता क्यों है?
बोझ गधा ही ढोता क्यों है?

मानव मानव का दुश्मन बन
बीज जहर के बोता क्यों है?

मनमानी मन की रोको तो
आपा अपना खोता क्यों है?

हार गया तो हार मान ले,
जार जार फिर रोता क्यों है?

मुक्त गगन के गीत बजाकर,
कैद कर लिया तोता क्यों है?

हर बन्दा दुःख में ये सोचे
जग में वो इकलौता क्यों है?

‘सरल’ आपने ये भी सोचा,
आखिर ऐसा होता क्यों है?

728 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

जागु न माँ हे काली
जागु न माँ हे काली
उमा झा
शिक्षा का उद्देश्य भूल गए, नव छात्र ये कर्म भूल गए
शिक्षा का उद्देश्य भूल गए, नव छात्र ये कर्म भूल गए
Dr.Pratibha Prakash
वायदे तो वायदे है,वायदों का क्या !
वायदे तो वायदे है,वायदों का क्या !
ओनिका सेतिया 'अनु '
आओ बोलें
आओ बोलें
Arghyadeep Chakraborty
बचा लो जरा -गजल
बचा लो जरा -गजल
Dr Mukesh 'Aseemit'
🙌🍀👫 When choosing a life partner
🙌🍀👫 When choosing a life partner
पूर्वार्थ
हो तन मालिन जब फूलों का, दोषी भौंरा हो जाता है।
हो तन मालिन जब फूलों का, दोषी भौंरा हो जाता है।
दीपक झा रुद्रा
सोच के मन काम औ काज बदल देता है...
सोच के मन काम औ काज बदल देता है...
sushil yadav
*इश्क़ की फ़रियाद*
*इश्क़ की फ़रियाद*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
संभाल ले ज़रा आकर मुझे
संभाल ले ज़रा आकर मुझे
Jyoti Roshni
नयनजल
नयनजल
surenderpal vaidya
यही बात समझने में आधी जिंदगी बीत गई
यही बात समझने में आधी जिंदगी बीत गई
अश्विनी (विप्र)
तुम हो एक आवाज़
तुम हो एक आवाज़
Atul "Krishn"
*हिंदी मेरे देश की जुबान है*
*हिंदी मेरे देश की जुबान है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बहुत जरूरी है तो मुझे खुद को ढूंढना
बहुत जरूरी है तो मुझे खुद को ढूंढना
Ranjeet kumar patre
फूलों की खुशबू सा है ये एहसास तेरा,
फूलों की खुशबू सा है ये एहसास तेरा,
अर्चना मुकेश मेहता
धरती को तरुओं से सजाना होगा
धरती को तरुओं से सजाना होगा
राकेश पाठक कठारा
मैं कौन हूं
मैं कौन हूं
Dr Nisha Agrawal
दर्द सीने में गर ठहर जाता,
दर्द सीने में गर ठहर जाता,
Dr fauzia Naseem shad
The Kiss 👄
The Kiss 👄
Otteri Selvakumar
पंख हौंसलों के लगा,ले अंबर-अरमान।
पंख हौंसलों के लगा,ले अंबर-अरमान।
डॉक्टर रागिनी
अनैतिकता से कौन बचाये
अनैतिकता से कौन बचाये
Pratibha Pandey
जो मेरे लफ्ज़ न समझ पाए,
जो मेरे लफ्ज़ न समझ पाए,
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
Siyaasat
Siyaasat
*प्रणय*
आभास (वर्ण पिरामिड )
आभास (वर्ण पिरामिड )
sushil sarna
चल पड़ी है नफ़रत की बयार देखो
चल पड़ी है नफ़रत की बयार देखो
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
हम में,तुम में दूरी क्यू है
हम में,तुम में दूरी क्यू है
Keshav kishor Kumar
संगाई (भू-श्रंगी हिरण)
संगाई (भू-श्रंगी हिरण)
Indu Singh
होली है आज गले मिल लो
होली है आज गले मिल लो
श्रीकृष्ण शुक्ल
पल्लवित प्रेम
पल्लवित प्रेम
Er.Navaneet R Shandily
Loading...