बीन अधीन फणीश।
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१)
झूमे नाचे बीन पर,बीन अधीन फणीश।
भाता महुअर व्याल क्यों,सोचत उरग महीश।।
सोचत उरग महीश,सपेरा परम चितेरा।
पोषण साधन उभय,यही जन्मों का फेरा।।
एकत्व साधे काज,भँवर कर्मों का घूमें।
साधे सहभाग सु-काज,सभी नाचे झूमें।।
नीलम शर्मा ✍️
१)
झूमे नाचे बीन पर,बीन अधीन फणीश।
भाता महुअर व्याल क्यों,सोचत उरग महीश।।
सोचत उरग महीश,सपेरा परम चितेरा।
पोषण साधन उभय,यही जन्मों का फेरा।।
एकत्व साधे काज,भँवर कर्मों का घूमें।
साधे सहभाग सु-काज,सभी नाचे झूमें।।
नीलम शर्मा ✍️