Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jan 2024 · 1 min read

बिल्कुल नहीं हूँ मैं

लगता है इस जहान में बिलकुल नहीं हूँ मैं
या फिर तुम्हारे ध्यान में बिलकुल नहीं हूँ मैं

घर में कोई नहीं जो मुझे अपना कह सके
मेरे ही ख़ानदान में बिल्कुल नहीं हूँ मैं

मेरा सफर तो अपनी ही गहराइयों में है
ऊँची किसी उड़ान में बिल्कुल नहीं हूँ मैं

वो तीर हूँ कि जिसके निशाने पे मैं ही हूँ
उस पर सितम कमान में बिल्कुल नहीं हूँ मैं

बस एक तेरे होने का है मुझको अब यक़ीन
बाक़ी किसी गुमान में बिल्कुल नहीं हूँ मैं

अब चाहो तो गले से लगा सकते हो मुझे
अब अपने दरमियान में बिलकुल नहीं हूँ मैं
~Aadarsh Dubey

Lagta hei is jahan me bilkull nahin hun main
Ya phir tumhare dhyan me bilkull nahin hun main

Ghar me koyi nahin jo mujhe apna kah sakey
Mere hi khandaan me bilkull nahin hun main

Mera safar to apni hi gahraiyon me hei
Unchi kisi udan me bilkulll nahin hun main

Wo teer hun ki jiske nishane pe main hi hun
Us par sitam kaman me bilkull nahin hun main

bas eik tere hone ka hei mujhko ab yaqeen
Baqi kisi guman me bilkull nahin hun main

ab chaho to gale se laga sakte ho mujhe
Ab apne darmiyan me bilkull nahin hun main
~Aadarsh Dubey

Language: Hindi
1 Like · 126 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्रेम और घृणा दोनों ऐसे
प्रेम और घृणा दोनों ऐसे
Neelam Sharma
*अभागे पति पछताए (हास्य कुंडलिया)*
*अभागे पति पछताए (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
फूल मुरझाए के बाद दोबारा नई खिलय,
फूल मुरझाए के बाद दोबारा नई खिलय,
Krishna Kumar ANANT
ना कहीं के हैं हम - ना कहीं के हैं हम
ना कहीं के हैं हम - ना कहीं के हैं हम
Basant Bhagawan Roy
"दोस्ती का मतलब"
Radhakishan R. Mundhra
यादों पर एक नज्म लिखेंगें
यादों पर एक नज्म लिखेंगें
Shweta Soni
मछली रानी
मछली रानी
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
नम आंखे बचपन खोए
नम आंखे बचपन खोए
Neeraj Mishra " नीर "
जय हनुमान
जय हनुमान
Santosh Shrivastava
लोकतंत्र में —
लोकतंत्र में —
SURYA PRAKASH SHARMA
🙅आज का लतीफ़ा🙅
🙅आज का लतीफ़ा🙅
*प्रणय प्रभात*
इस दुनिया का प्रत्येक इंसान एक हद तक मतलबी होता है।
इस दुनिया का प्रत्येक इंसान एक हद तक मतलबी होता है।
Ajit Kumar "Karn"
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
इस तरफ न अभी देख मुझे
इस तरफ न अभी देख मुझे
Indu Singh
2385.पूर्णिका
2385.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"स्टेटस-सिम्बल"
Dr. Kishan tandon kranti
क्या अब भी तुम न बोलोगी
क्या अब भी तुम न बोलोगी
Rekha Drolia
अर्थ  उपार्जन के लिए,
अर्थ उपार्जन के लिए,
sushil sarna
क्यों गम करू यार की तुम मुझे सही नही मानती।
क्यों गम करू यार की तुम मुझे सही नही मानती।
Ashwini sharma
कैसे करें इन पर यकीन
कैसे करें इन पर यकीन
gurudeenverma198
आप और हम जीवन के सच....…...एक कल्पना विचार
आप और हम जीवन के सच....…...एक कल्पना विचार
Neeraj Agarwal
इन आँखों में इतनी सी नमी रह गई।
इन आँखों में इतनी सी नमी रह गई।
लक्ष्मी सिंह
सदियों से जो संघर्ष हुआ अनवरत आज वह रंग लाई।
सदियों से जो संघर्ष हुआ अनवरत आज वह रंग लाई।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
तुमने कितनो के दिल को तोड़ा है
तुमने कितनो के दिल को तोड़ा है
Madhuyanka Raj
बाल कविता: चूहा
बाल कविता: चूहा
Rajesh Kumar Arjun
यूं कीमतें भी चुकानी पड़ती है दोस्तों,
यूं कीमतें भी चुकानी पड़ती है दोस्तों,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जैसे पतझड़ आते ही कोयले पेड़ की डालियों को छोड़कर चली जाती ह
जैसे पतझड़ आते ही कोयले पेड़ की डालियों को छोड़कर चली जाती ह
Rj Anand Prajapati
माँ की आँखों में पिता / मुसाफ़िर बैठा
माँ की आँखों में पिता / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
विद्यार्थी को तनाव थका देता है पढ़ाई नही थकाती
विद्यार्थी को तनाव थका देता है पढ़ाई नही थकाती
पूर्वार्थ
ख्वाहिशों की ज़िंदगी है।
ख्वाहिशों की ज़िंदगी है।
Taj Mohammad
Loading...