Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Feb 2024 · 1 min read

बिटिया !

बिटिया ! तुम……..
प्रसून सी प्रफुल्लित मुकुलित हो
पाखियों सी किलोलित सुखकर हो
अक़ीदा पैंजनियों सी रुनझुनी सरगम हो
यानि कि ……..
तुम आज भी महफूज हो
——-)(———-
बिटिया ! तुम्हारी…..
हंसी में निश्छल खनक है
सौन चिरैया सी चहक है
रौनक है परी रुप है
यानि कि ……..
तुम आज भी महफूज हो
——-)(———-
बिटिया ! तुम तो……….
सीता सावित्री दुर्गा की प्रतिरूप हो
लक्ष्मी सरस्वती राधा का स्वरूप हो
महादेवी मैत्रेयी गार्गी का विदुषी रूप हो
यानि कि ……..
तुम आज भी महफूज हो
——-)(———-
बिटिया ! आखिर ……..
कब तक खैर मनाओगी
नग्न क्षत विक्षत देह पड़ी
आंखें शर्म से हैं गड़ी
कब तक अंग विमोचन होंगे
क्यूं बंद समाज के लोचन होंगे
यानि कि……..
सुधबुध चेत लेना होगा
——-)(———-
बिटिया ! अब तुम्हें बदलना होगा
रुप दुर्गा का धरना होगा
महिषासुरमर्दिनी बनना होगा
खुद की खातिर खुद लड़ना होगा
संगीता बैनीवाल

1 Like · 328 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

मुझे लगता था —
मुझे लगता था —
SURYA PRAKASH SHARMA
यदि किछ तोर बाजौ
यदि किछ तोर बाजौ
श्रीहर्ष आचार्य
3056.*पूर्णिका*
3056.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"कल सुबह होगी मुलाकात"
Madhu Gupta "अपराजिता"
जनहरण घनाक्षरी
जनहरण घनाक्षरी
Rambali Mishra
बाप की चाह
बाप की चाह
अश्विनी (विप्र)
चलो ना उनके लिए...
चलो ना उनके लिए...
Jyoti Pathak
"आया मित्र करौंदा.."
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
दुर्घटनाओं के पीछे जन मानस में क्रांति हो...
दुर्घटनाओं के पीछे जन मानस में क्रांति हो...
SATPAL CHAUHAN
जीवन समीक्षा
जीवन समीक्षा
Shyam Sundar Subramanian
प्यास की आश
प्यास की आश
Gajanand Digoniya jigyasu
**हे ! करतार,पालनहार,आ कर दीदार दे**
**हे ! करतार,पालनहार,आ कर दीदार दे**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अनुराग मेरे प्रति कभी मत दिखाओ,
अनुराग मेरे प्रति कभी मत दिखाओ,
Ajit Kumar "Karn"
*
*"राम नाम रूपी नवरत्न माला स्तुति"
Shashi kala vyas
शायद
शायद
सिद्धार्थ गोरखपुरी
"यादों की रेल"
Dr. Kishan tandon kranti
..
..
*प्रणय प्रभात*
उनका शौक़ हैं मोहब्बत के अल्फ़ाज़ पढ़ना !
उनका शौक़ हैं मोहब्बत के अल्फ़ाज़ पढ़ना !
शेखर सिंह
हिंदी हमारी मातृभाषा है जबकि हमने हिंदी बोलना माँ से सिखा ही
हिंदी हमारी मातृभाषा है जबकि हमने हिंदी बोलना माँ से सिखा ही
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
मुझे मुहब्बत सिखाते जाते
मुझे मुहब्बत सिखाते जाते
Monika Arora
चाहतों का एक कारवाँ
चाहतों का एक कारवाँ
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अपने और पराए की पहचान
अपने और पराए की पहचान
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
बर्फ
बर्फ
Santosh kumar Miri
अपने सपनों के लिए
अपने सपनों के लिए
हिमांशु Kulshrestha
नमन वंदन सदा करता।
नमन वंदन सदा करता।
अरविंद भारद्वाज ARVIND BHARDWAJ
जल जंगल जमीन
जल जंगल जमीन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*Relish the Years*
*Relish the Years*
Poonam Matia
कर्म करें तो फल मिले,हरदम रहे यथार्थ।
कर्म करें तो फल मिले,हरदम रहे यथार्थ।
संजय निराला
बाल कविता: नानी की बिल्ली
बाल कविता: नानी की बिल्ली
Rajesh Kumar Arjun
*तीरथ-यात्रा तो मन से है, पर तन का स्वास्थ्य जरूरी है (राधेश
*तीरथ-यात्रा तो मन से है, पर तन का स्वास्थ्य जरूरी है (राधेश
Ravi Prakash
Loading...