बाल कविता: तितली चली विद्यालय

बाल कविता: तितली चली विद्यालय
रंग बिरंगें पंखों वाली, तितली रानी उड़ती है।
आओ बच्चों हम सब सीखे, क्या क्या यह करती है।।
सुबह को उठती कुल्ला करती, मंजन भी यह करती है।
योगा करती रोज नहाती, सुन्दर सुन्दर दिखती है।।
मम्मी उसको खाना देती, वह टिफिन में रखती है।
लेकर बस्ता नाप के रस्ता, वह विद्यालय जाती है।।
नन्हे मुन्ने बच्चे मिलते, सबको गले लगाती है।
खूब पढोगे आगे बढ़ोगे, यह सबको सिखलाती है।।
रंग बिरंगें पंखों वाली, तितली रानी उड़ती है।
आओ बच्चों हम सब सीखे क्या क्या यह करती है।।