बादलों को आज आने दीजिए।
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बादलों को आज आने दीजिए।
और नभ पर खूब छाने दीजिए।
लग रही है प्रिय बहुत श्यामल घटा।
शुभ घड़ी को मुस्कुराने दीजिए।
~~~~~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य, २९/११/२०२३
बादलों को आज आने दीजिए।
और नभ पर खूब छाने दीजिए।
लग रही है प्रिय बहुत श्यामल घटा।
शुभ घड़ी को मुस्कुराने दीजिए।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य, २९/११/२०२३