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14 Feb 2017 · 1 min read

बंदर एवं भालू

बंदर एवं भालू

उछल-कूद कर बंदर आया,
घूम-घाम कर भालू।
बोले सब्जी-मंडी चलकर,
ले लें थोड़े आलू।

मण्डी में झगड़े के कारण,
छूटी एक दुनालू।
पूँछ पकड़कर बंदर भागा,
हाथ हिलाकर भालू।

– शिव मोहन यादव

Language: Hindi
Tag: कविता
338 Views
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