फूल सी तुम हो
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फूल सी तुम हो और तुम्हारी दिलकश अदाए!
रूठती हो बारम्बार कि हम ही आपको मनाए!!
हमने तो दुश्मनो से भी, दोस्तो सा प्यार किया!
आपका अजीब फलसफा खुद रूठे औ हसाए!!
आप तो प्यार मे भी उम्र का हिसाब देखते रहे!
हमने तो हर उम्र मे, प्यार का इजहार निभाए !!
प्यार के सुरुर मे इस कदर मुब्तिला रहे है हम!
कि बाध इश्क के तोड उस पार दरिया मे नहाए!!