Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Dec 2022 · 1 min read

फिर जीवन पर धिक्कार मुझे

फिर जीवन पर धिक्कार मुझे

माना की बहुत अंधेरा है,
हर ओर दुखो का डेरा है।
ना ढूंढ तनिक तू इधर उधर
खुशियों का यही बसेरा हैं।।

हाँ भले किनारा नही मिला, पर थाम रही पतवार मुझे,
गर हार गया विपदाओं से, फिर जीवन पर धिक्कार मुझे।।

कब वीर समय से ही हारा है,
कर मेहनत वही किनारा है।
वो तोड रहे है लाख मगर,
अपना तू स्वयं सहारा है।।

हा कष्ट भरी इन रहो से, ना डरना है स्वीकार मुझे,
गर हार गया विपदाओ से, फिर जीवन पर धिक्कार मुझे।।

तू आस हजारो आँखों की,
अनकहे बहुत जज्बातों की।
गर गिर जाए तो उठ जाना,
लडिया सम्मुख है काँटों की।

मेहनत के उसी सहारे से, मिल जाएगा संसार मुझे,
जो हार गया विपदाओ से, फिर जीवन पर धिक्कार मुझे।।

1 Like · 1 Comment · 45 Views
You may also like:
बिहार दिवस  (22 मार्च 2023, 111 वां स्थापना दिवस)
बिहार दिवस  (22 मार्च 2023, 111 वां स्थापना दिवस)
रुपेश कुमार
पिता का पता
पिता का पता
श्री रमण 'श्रीपद्'
Writing Challenge- प्रकाश (Light)
Writing Challenge- प्रकाश (Light)
Sahityapedia
सपनों की तुम बात करो
सपनों की तुम बात करो
कवि दीपक बवेजा
=*तुम अन्न-दाता हो*=
=*तुम अन्न-दाता हो*=
Prabhudayal Raniwal
केवट का भाग्य
केवट का भाग्य
रोहताश वर्मा मुसाफिर
गीत
गीत
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
Re: !! तेरी ये आंखें !!
Re: !! तेरी ये आंखें !!
RAJA KUMAR 'CHOURASIA'
अब हार भी हारेगा।
अब हार भी हारेगा।
Chaurasia Kundan
मन की बात 🥰
मन की बात 🥰
Ankita
आधुनिकता
आधुनिकता
पीयूष धामी
शायरी
शायरी
श्याम सिंह बिष्ट
बाल कहानी- गणतंत्र दिवस
बाल कहानी- गणतंत्र दिवस
SHAMA PARVEEN
✍️मसला तो ख़्वाब का है
✍️मसला तो ख़्वाब का है
'अशांत' शेखर
पिता की अस्थिया
पिता की अस्थिया
Umender kumar
THOUGHT
THOUGHT
साहित्य लेखन- एहसास और जज़्बात
गाँव की गोरी
गाँव की गोरी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
■ सामयिक आलेख
■ सामयिक आलेख
*Author प्रणय प्रभात*
दोगले मित्र
दोगले मित्र
अमरेश मिश्र 'सरल'
बाल कविता दुश्मन को कभी मित्र न मानो
बाल कविता दुश्मन को कभी मित्र न मानो
Ram Krishan Rastogi
सलाम भी क़ुबूल है पयाम भी क़ुबूल है
सलाम भी क़ुबूल है पयाम भी क़ुबूल है
Anis Shah
भिक्षु रूप में ' बुद्ध '
भिक्षु रूप में ' बुद्ध '
Buddha Prakash
एक दिन
एक दिन
Ranjana Verma
हास्य कथा :अहा कल्पवृक्ष
हास्य कथा :अहा कल्पवृक्ष
Ravi Prakash
दिल में भी इत्मिनान रक्खेंगे ।
दिल में भी इत्मिनान रक्खेंगे ।
Dr fauzia Naseem shad
#कविता//ऊँ नमः शिवाय!
#कविता//ऊँ नमः शिवाय!
आर.एस. 'प्रीतम'
💐अज्ञात के प्रति-116💐
💐अज्ञात के प्रति-116💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
करें आराधना मां की, आ गए नौ दिन शक्ति के।
करें आराधना मां की, आ गए नौ दिन शक्ति के।
umesh mehra
लालू प्रसाद यादव
लालू प्रसाद यादव
Shekhar Chandra Mitra
स्त्री और नदी का स्वच्छन्द विचरण घातक और विनाशकारी
स्त्री और नदी का स्वच्छन्द विचरण घातक और विनाशकारी
पंकज कुमार शर्मा 'प्रखर'
Loading...