प्रेम
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प्रेम एक लगन है ,
इसमें रहते प्रेमी मगन हैं ,
यह हृदय से हृदय का स्पंदन है ,
यह बुझाए ना बुझे वह अगन है ,
यह एक सतत चिंतन है ,
यह एक गूढ़ मंथन है ,
यह एक भावातिरेक समर्पण है ,
यह दो आत्माओं का परस्पर मिलन है ,
जिसे ईश्वर भी विच्छिन्न न कर पाएं ,
ऐसा जन्म जन्मांतर का अटूट बंधन है।