Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Mar 2017 · 1 min read

प्रियतम

??????????????.
प्रियतम अपनी प्रेम कहानी.
लगती है कोई प्रीत पुरानी.

जनम जनम की चाहत अपनी
मैं हूँ तेरी प्रेम दिवानी.

तू मेरे मैं तेरे दिल में.
मिलकर हमने प्रीत निभीनी.

संग में साजन तुम जो रहते.
लगती फिर है शाम सुहानी.

भूलू चाहे सारे जहाँ को.
नही तुम्हारी प्रीत भुलानी.

हँसतॉ हँसते जीवन बीते
आने न देगे आँख में पानी.

??????????????
संगीता शर्मा.
????????????14/2/2017

Language: Hindi
Tag: कविता
3 Likes · 1 Comment · 797 Views
You may also like:
बादलों ने ज्यों लिया है
बादलों ने ज्यों लिया है
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
फ़र्ज़ पर अधिकार तेरा,
फ़र्ज़ पर अधिकार तेरा,
Satish Srijan
शिशिर का स्पर्श / (ठंड का नवगीत)
शिशिर का स्पर्श / (ठंड का नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
उजालों के घर
उजालों के घर
सूर्यकांत द्विवेदी
सुनती नहीं तुम
सुनती नहीं तुम
शिव प्रताप लोधी
किवाड़ खा गई
किवाड़ खा गई
AJAY AMITABH SUMAN
खुदा से एक सिफारिश लगवाऊंगा
खुदा से एक सिफारिश लगवाऊंगा
कवि दीपक बवेजा
💐प्रेम कौतुक-328💐
💐प्रेम कौतुक-328💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
When you realize that you are the only one who can lift your
When you realize that you are the only one who...
Manisha Manjari
"टिकमार्क"
Dr. Kishan tandon kranti
वक़्त बे-वक़्त तुझे याद किया
वक़्त बे-वक़्त तुझे याद किया
Anis Shah
"जल्दी उठो हे व्रती"
पंकज कुमार कर्ण
बस तेरी सोच पर
बस तेरी सोच पर
Dr fauzia Naseem shad
कोई कह दे क्यों मजबूर हुए हम
कोई कह दे क्यों मजबूर हुए हम
VINOD KUMAR CHAUHAN
अब भी दुनिया का सबसे कठिन विषय
अब भी दुनिया का सबसे कठिन विषय "प्रेम" ही है
DEVESH KUMAR PANDEY
सात अंगना के हमरों बखरियां सखी
सात अंगना के हमरों बखरियां सखी
Er.Navaneet R Shandily
#करवा चौथ#
#करवा चौथ#
rubichetanshukla रुबी चेतन शुक्ला
If life is a dice,
If life is a dice,
DrChandan Medatwal
कभी क्यो दिल जलाते हो तुम मेरा
कभी क्यो दिल जलाते हो तुम मेरा
Ram Krishan Rastogi
दूभर लेना साँस( कुंडलिया )
दूभर लेना साँस( कुंडलिया )
Ravi Prakash
मशहूर हो जाऊं
मशहूर हो जाऊं
सुशील कुमार सिंह "प्रभात"
✍️वो इंसा ही क्या ✍️
✍️वो इंसा ही क्या ✍️
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
धर्मांधता
धर्मांधता
Shekhar Chandra Mitra
नया साल
नया साल
Dr Archana Gupta
■ क़तआ (मुक्तक)
■ क़तआ (मुक्तक)
*Author प्रणय प्रभात*
" मित्रता का सम्मान “
DrLakshman Jha Parimal
When compactibility ends, fight beginns
When compactibility ends, fight beginns
Sakshi Tripathi
भर मुझको भुजपाश में, भुला गई हर राह ।
भर मुझको भुजपाश में, भुला गई हर राह ।
Arvind trivedi
भारत और मीडिया
भारत और मीडिया
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
बाँध लू तुम्हें......
बाँध लू तुम्हें......
Dr Manju Saini
Loading...