Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jan 2017 · 1 min read

प्रतीक बेटियाँ

राष्ट्र की पूँजी हैं बेटियाँ
राष्ट्र की प्रतीक ये बेटियाँ ,
अम्बर को बाँहों मे लेती ये बेटियाँ ,
एन सी सी मे परिशिक्षित ये बेटियाँ ।
उन्नत मस्तक आकर्षक वेशभूषा ,
चुस्त चाल पुष्ट देह यष्टि ,
मधुर मुसकान , देश सेवा को व्याकुल
स्वावलम्ब , अनुशासन भरपूर ,
यह है शक्ति स्वरूपा ।
दरढपरतिज्ञय हो निकली है
राष्ट्र नव निर्माण उद्देश्य लिये ,
हाथ से हाथ मिलाओ बेटियों ,
अवसर है अनूप ।।
तुम से ही भारत !
तुम ही राष्ट्र प्रतीक ।।

“मधु”

Language: Hindi
Tag: कविता
425 Views

Books from Madhu Nagar

You may also like:
हे ईश्वर
हे ईश्वर
Ashwani Kumar Jaiswal
पहाड़ का अस्तित्व - पहाड़ की नारी
पहाड़ का अस्तित्व - पहाड़ की नारी
श्याम सिंह बिष्ट
जीवन को जीवन सा
जीवन को जीवन सा
Dr fauzia Naseem shad
श्री श्रीचैतन्य महाप्रभु
श्री श्रीचैतन्य महाप्रभु
Pravesh Shinde
💐प्रेम कौतुक-318💐
💐प्रेम कौतुक-318💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जय माता की
जय माता की
Pooja Singh
सूरज को ले आता कौन?
सूरज को ले आता कौन?
AJAY AMITABH SUMAN
काश अगर तुम हमें समझ पाते
काश अगर तुम हमें समझ पाते
Writer_ermkumar
अब अरमान दिल में है
अब अरमान दिल में है
कवि दीपक बवेजा
मैंने तो ख़ामोश रहने
मैंने तो ख़ामोश रहने
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
आखिरी उम्मीद
आखिरी उम्मीद
Surya Barman
■ आज का मुक्तक
■ आज का मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
मुझमें रह गए
मुझमें रह गए
विनोद सिल्ला
नगर से दूर......
नगर से दूर......
Kavita Chouhan
गीत
गीत
Shiva Awasthi
पुरुष अधूरा नारी बिन है, बिना पुरुष के नारी जग में,
पुरुष अधूरा नारी बिन है, बिना पुरुष के नारी जग...
Arvind trivedi
श्रद्धा से शीश झुकाऍं (गीत)
श्रद्धा से शीश झुकाऍं (गीत)
Ravi Prakash
चाहे जितनी देर लगे।
चाहे जितनी देर लगे।
Buddha Prakash
होली है!
होली है!
Dr. Shailendra Kumar Gupta
अर्थहीन
अर्थहीन
Shyam Sundar Subramanian
मुक्तक-
मुक्तक-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
औरतों का इंकलाब
औरतों का इंकलाब
Shekhar Chandra Mitra
राधे राधे happy Holi
राधे राधे happy Holi
साहित्य गौरव
तेरे होकर भी।
तेरे होकर भी।
Taj Mohammad
मैं भटकता ही रहा दश्त-ए-शनासाई में
मैं भटकता ही रहा दश्त-ए-शनासाई में
Anis Shah
जख्म के दाग हैं कितने मेरी लिखी किताबों में /
जख्म के दाग हैं कितने मेरी लिखी किताबों में /"लवकुश...
लवकुश यादव "अज़ल"
खिल जाए अगर कोई फूल चमन मे
खिल जाए अगर कोई फूल चमन मे
shabina. Naaz
एक इंतज़ार दीजिए नई गज़ल विनीत सिंह शायर के कलम से
एक इंतज़ार दीजिए नई गज़ल विनीत सिंह शायर के कलम...
Vinit kumar
✍️तर्कहीन आभासी अवास्तविक अवतारवादी कल्पनाओ के आधार पर..
✍️तर्कहीन आभासी अवास्तविक अवतारवादी कल्पनाओ के आधार पर..
'अशांत' शेखर
सैदखन यी मन उदास रहैय...
सैदखन यी मन उदास रहैय...
Ram Babu Mandal
Loading...