प्रणय
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1)
राधा प्रणय नेह,
बरसे मधुर मेह।
झंकृत ह्रदय तार,
तन-मन पिय श्रृंगार।।
2)
भाये मृदुल प्रीत,
अंतस मदन मीत।
प्रेम भाव विभोर,
डूबे युति किशोर।।
3)
छाई विरह घोर,
विचलित मनस मोर।
श्याम मधुर मुस्कान,
लगत अमिय समान।।
4)
जीवन प्रणय सार
उर कान्हा उतार।
वाणी मधुर गीत,
जीवन लगे प्रीत।
5)
प्रेम प्रणय सुखांत,
विरह हृदय नितांत।
रहता मन अशांत
जलता तन निशांत।।
*युति-युगल
नीलम शर्मा ✍️
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