Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Oct 2016 · 1 min read

पूछ रहा है रावण कब तक मुझे ही जलाते रहोगे

पूछ रहा है रावण कब तक मुझे ही जलाते रहोगे,
कब तक अपने दोषों को तुम यूँ ही छिपाते रहोगे।

मैंने कौनसा ऐसा गुनाह किया था जो जलाते हो,
कब तक सच्चाई छिपा औरों को बरगलाते रहोगे।

बहन की बेइज्जती का बदला लेने को उठाई सीता,
इस सच्चाई को तुम कब तक यहाँ दफनाते रहोगे।

नहीं छुआ था सीता को उसकी मर्जी के विरुद्ध,
लेकर अग्नि परीक्षा कब तक तुम ठुकराते रहोगे।

वंश को अपने मिटा दिया पर पैर पीछे नहीं हटाया,
पल पल रंग बदलते हो कब तक पीठ दिखाते रहोगे।

मैं रहा अपने धर्म पर अडिग, रखी हर मान मर्यादा,
बिना अंदर झांके कब तक तुम ऊँगली उठाते रहोगे।

मेरे बाहुबल, मेरी विद्वता, मेरी भक्ति को भूल कर,
कब तक गीत तुम मेरी बुराइयों के यहाँ गाते रहोगे।

पहले तुम राम बनो फिर मुझे जलाना यहाँ आकर,
कब तक सुलक्षणा जला मेरा पुतला इठलाते रहोगे।

©® डॉ सुलक्षणा अहलावत

1 Like · 616 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

मरने से पहले
मरने से पहले
Dr MusafiR BaithA
कातिल है अंधेरा
कातिल है अंधेरा
Kshma Urmila
हर किसी को कहा मोहब्बत के गम नसीब होते हैं।
हर किसी को कहा मोहब्बत के गम नसीब होते हैं।
Phool gufran
वीरांगना दुर्गावती
वीरांगना दुर्गावती
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
रस का सम्बन्ध विचार से
रस का सम्बन्ध विचार से
कवि रमेशराज
तेरी जुस्तुजू
तेरी जुस्तुजू
Shyam Sundar Subramanian
तुम्हें आसमान मुबारक
तुम्हें आसमान मुबारक
Shekhar Chandra Mitra
ओ आदम! तू चल आहिस्ता।
ओ आदम! तू चल आहिस्ता।
पंकज परिंदा
मिथ्या यह संसार।
मिथ्या यह संसार।
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
लोग वहाॅं पर मेरा इंतज़ार कर रहे हैं...
लोग वहाॅं पर मेरा इंतज़ार कर रहे हैं...
Ajit Kumar "Karn"
चुनावी दोहे
चुनावी दोहे
Sudhir srivastava
हनुमान जन्म स्थली किष्किंधा
हनुमान जन्म स्थली किष्किंधा
Er.Navaneet R Shandily
इसलिए लिख के
इसलिए लिख के
Dr fauzia Naseem shad
विद्या - दोहा छंद
विद्या - दोहा छंद
Neelofar Khan
जंग लगी थी सदियों से शमशीर बदल दी हमने।
जंग लगी थी सदियों से शमशीर बदल दी हमने।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
इस जहां में अब वो, अजनबी नहीं मिलता..
इस जहां में अब वो, अजनबी नहीं मिलता..
sushil yadav
मोबाइल के बाहर
मोबाइल के बाहर
Girija Arora
क्रांतिकारी किसी देश के लिए वह उत्साहित स्तंभ रहे है जिनके ज
क्रांतिकारी किसी देश के लिए वह उत्साहित स्तंभ रहे है जिनके ज
Rj Anand Prajapati
*अध्याय 12*
*अध्याय 12*
Ravi Prakash
मेरी सरलता की सीमा कोई नहीं जान पाता
मेरी सरलता की सीमा कोई नहीं जान पाता
Pramila sultan
आजकल ट्रेंड है रिश्ते बनने और छुटने का,वक्त की चाल पर टिका ह
आजकल ट्रेंड है रिश्ते बनने और छुटने का,वक्त की चाल पर टिका ह
पूर्वार्थ
#नीतिगत_सुझाव-
#नीतिगत_सुझाव-
*प्रणय प्रभात*
सुन मेरे बच्चे
सुन मेरे बच्चे
Sangeeta Beniwal
"मोहब्बत की जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
4424.*पूर्णिका*
4424.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गजब हुआ जो बाम पर,
गजब हुआ जो बाम पर,
sushil sarna
भविष्य..
भविष्य..
Dr. Mulla Adam Ali
गीत- किसी का मर्ज़ समझेगा...
गीत- किसी का मर्ज़ समझेगा...
आर.एस. 'प्रीतम'
यादें
यादें
विशाल शुक्ल
धर्म के रचैया श्याम,नाग के नथैया श्याम
धर्म के रचैया श्याम,नाग के नथैया श्याम
कृष्णकांत गुर्जर
Loading...