पुस्तक
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पुस्तक पढ़ने से हमसबों को
बढ़ता अधिक प्रबल विवेक
सच्चा साथी, सच्चा सहारा
बस अपना पुस्तक महाज्ञान ।
पुस्तक ने ही कैसो कैसो की
सुधारी कईयों की जिदंगियाँ
पुस्तके ही तो होती स्वजन
मां शारदा का तुल्य, स्वरूप ।
पुस्तक पढ़कर ही लोग जाते
अच्छे – अच्छे कितने मुकाम
जिनसे वे जीते अपनी हयात
सुख समृद्धि और खुशहाली से ।
पुस्तक को जस जस ठुकराया
वह तस तस ही पछताता रहा…
सदा करों पुस्तकों का सम्मान
यही हमारा पुस्तक महाज्ञान ।
अमरेश कुमार वर्मा