पुलवामा की याद (कुंडलिया)
पुलवामा की याद (कुंडलिया)
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आती चौदह फरवरी ,पुलवामा की याद
बदला बालाकोट का ,था फिर उसके बाद
था फिर उसके बाद ,वीरता की ऋतु आई
कायर हुआ धड़ाम ,देश ने ली अँगड़ाई
कहते रवि कविराय ,गीत सेना के गाती
अपना है कश्मीर ,गंध केसर की आती
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451