पिया मिलन की आस
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/af0331a4b1720e59417103ef521b865d_43d540357b718482093870f1047220f3_600.jpg)
कंचन सी कोमल काया,
कंचन रहा सजाये।
रूप अपना देखकर,
गौरी रही लजाये।
पिया-मिलन की आस में,
मन ही मन सकुचाये।
अधरों पर मुस्कान सजी,
पलकें रही झुकाये।
– – रचनाकार :- कंचन खन्ना,
मुरादाबाद, (उ०प्र०, भारत)।
सर्वाधिकार, सुरक्षित (रचनाकार)।
दिनांक :- ०९.०४.२०१८.