*नेत्रदान-संकल्प (गीत)*
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/7fa8e972c5be115c9e7bc98d310d5fca_2861105bc665480273f016ff026e1ed0_600.jpg)
नेत्रदान-संकल्प (गीत)
_________________________________
नेत्रदान-संकल्प जगत में, सबसे अधिक महान है
(1)
यह है अद्भुत दान दृष्टि-वाला ही बस दे पाता
जिसमें है सामर्थ्य बुद्धि शुभ देता उसे विधाता
बिना खर्च पाई-पैसे का, यह सबसे आसान है
(2)
जब मिलता है दान नेत्र का, अंधकार मिट जाता
घोर तिमिर में जैसे पावन, दिवस भोर का आता
दर्द समझना नेत्रहीन का, भारी पुण्य समान है
(3)
यह है सरल-प्रक्रिया जिससे, नेत्रदान कर पाते
ऑंखों पर किंचित भी विकृत, नहीं भाव हैं आते
नेत्र-दानदाता के मुख पर, देखोगे मुस्कान है
नेत्रदान संकल्प जगत में, सबसे अधिक महान है
________________________________
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा
रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451