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21 Apr 2023 · 1 min read

नील पदम् के बाल गीत Neel Padam ke Bal Geet #neelpadam

छुटकी चिंटू पैदल पैदल, जाते थे स्कूल,
बीच सड़क तो पक्की थी पर, अगल-बगल थी धूल,

रस्ते में कंकण दिख जाता, पैर मार लुढ़काते,
लुढ़काते लुढ़काते पत्थर, शाला से घर लाते,

सुबह-सुबह तो जल्दी होती, रहती शरारत भूल,
लेकिन शाम को सड़क से ज्यादा, भाती उनको धूल,

एक दिवस जब उन्होंने देखा, एक झाड़ी के पीछे,
सड़क किनारे स्वान के शिशु थे, अपनी पलकें मींचे,

आकर्षण था बहुत ही उनमें, सोचा उन्हें उठाएं,
दिखलाएं सब बच्चों को फिर, अपने घर ले जाएं,

लेकिन कहीं देर ना होवे, पहुंचे जब स्कूल,
समय लौटते देखेंगे कि, हैं ये कितने कूल,

आपस में वो बातें करते, कितनी होगी मस्ती,
जब पिल्लों के साथ करेंगे, दिनभर मटरगश्ती,

समय लौटते लेकिन जैसे, पिल्ला एक उठाया,
उन्हें लगा कि उनके पीछे, कोई है गुर्राया,

मुड़ कर देखा होश उड़ गए, वो पिल्लों की मम्मी,
पिल्ला छोड़के सरपट भागे, अपनी बुलाते मम्मी,

किसी तरह से जान बचाकर, अपने घर को आए,
छूट गया प्यारा सा पिल्ला, सुबक सुबक पछताए॥

Copyright @ दीपक कुमार श्रीवास्तव “नील पदम्”
20.04.2023

Language: Hindi
6 Likes · 2 Comments · 335 Views
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