Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 May 2024 · 1 min read

निर्मल निर्मला

गौर से देखा जब भी उसकी ओर खामोश नजरें बया अंदाज़ ख़ास।।

नादाँ मुस्कान जहाँ की इनायत का पैगाम !!

गौर से देखा उसकी ओर सुबह सुर्ख लाली खूबसूरत जहाँ की मुस्कान !!

देखा गौर से उसकी ओर चाँद की चांदनी अप्सरा ज़माने की तमाम चाहतों की चाह की राह !!

देखा गौर से उसकी ओर सांसे धड़कनों का जहाँ में वजूद का एहसास !!

देखा गौर से उसकी ओर भोली , कमसिन नाज़ुक की नाज़ !!

देखा गौर से उसकी ओर कभी हवाओं के झोको में विखरी जुल्फों में रोशन चेहरे का सबाब !!

गौर से देखा उसकी ओर लवो की मुस्कान खामोश जुबान बोलती बाला हूँ हाला मधुशाला हूँ, जिंदगी की जमीं आसमान के परिंदों की परी हूँ !!

देखा उसकी ओर गौर से हिम्मत हौसलों की उड़ान नन्ही सी जान जहाँ के बुनियाद की ईमान।।

औरत, नारी ज़माने की जान अभिमान स्वाभिमान प्यार परिवरिश का दामन आँचल की मर्यादा मान !!

Language: Hindi
1 Like · 211 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
View all

You may also like these posts

3774.💐 *पूर्णिका* 💐
3774.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*चले पिता-माता को लेकर, कॉंवर श्रवण कुमार (गीत)*
*चले पिता-माता को लेकर, कॉंवर श्रवण कुमार (गीत)*
Ravi Prakash
रतजगा
रतजगा
ओनिका सेतिया 'अनु '
हम बोलते, तुम भी बोल लेती
हम बोलते, तुम भी बोल लेती
Vansh Agarwal
कल चमन, गुलजार होगा.....
कल चमन, गुलजार होगा.....
TAMANNA BILASPURI
" हो सके तो किसी के दामन पर दाग न लगाना ;
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
बासी रोटी...... एक सच
बासी रोटी...... एक सच
Neeraj Kumar Agarwal
पुरवाईयों में खिले फूल को, अब आँधियों का सहारा है,
पुरवाईयों में खिले फूल को, अब आँधियों का सहारा है,
Manisha Manjari
जिसे रिश्तों की परवाह नहीं वो,,
जिसे रिश्तों की परवाह नहीं वो,,
पूर्वार्थ
कुंडलिया छंद की विकास यात्रा
कुंडलिया छंद की विकास यात्रा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
जिसे जाना होता है वो बेवजह को ही वजह बता के चला जायेगा,
जिसे जाना होता है वो बेवजह को ही वजह बता के चला जायेगा,
$úDhÁ MãÚ₹Yá
कोशिश मेरी बेकार नहीं जायेगी कभी
कोशिश मेरी बेकार नहीं जायेगी कभी
gurudeenverma198
वृक्ष की संवेदना
वृक्ष की संवेदना
Dr. Vaishali Verma
शनिवार
शनिवार
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
"दरअसल"
Dr. Kishan tandon kranti
थोड़े योगी बनो तुम
थोड़े योगी बनो तुम
योगी कवि मोनू राणा आर्य
अर्थ में,अनर्थ में अंतर बहुत है
अर्थ में,अनर्थ में अंतर बहुत है
Shweta Soni
स्वच्छता स्वच्छता की अनुपूरक है।
स्वच्छता स्वच्छता की अनुपूरक है।
Rj Anand Prajapati
#परिहास
#परिहास
*प्रणय प्रभात*
*प्रकृति-प्रेम*
*प्रकृति-प्रेम*
Dr. Priya Gupta
॥ वर्णरत्नाकर ॥ श्रो ज्योतिरीश्वर ठाकुर
॥ वर्णरत्नाकर ॥ श्रो ज्योतिरीश्वर ठाकुर
विधानन्द सिंह'' श्रीहर्ष''
आप कृष्ण सा प्रेम कर लो मुझसे,
आप कृष्ण सा प्रेम कर लो मुझसे,
Swara Kumari arya
मैं गांठ पुरानी खोलूँ क्या?
मैं गांठ पुरानी खोलूँ क्या?
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
आतिश पसन्द लोग
आतिश पसन्द लोग
Shivkumar Bilagrami
अंतिम सत्य
अंतिम सत्य
विजय कुमार अग्रवाल
आओ मिलकर एक हो जाएँ !!
आओ मिलकर एक हो जाएँ !!
Nitesh Shah
तुम्हारा जिक्र
तुम्हारा जिक्र
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
मंजिल के जितने नजदीक होगें , तकलीफ़ें और चुनौतियां उतनी ज्या
मंजिल के जितने नजदीक होगें , तकलीफ़ें और चुनौतियां उतनी ज्या
Lokesh Sharma
वक्त भी कहीं थम सा गया है,
वक्त भी कहीं थम सा गया है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...