Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Oct 2022 · 1 min read

*निराकार भाव* (घनाक्षरी)

*निराकार भाव* (घनाक्षरी)
————————————–
भाता है जो मिला निराकार भाव जीवन में
अब न अभाव का प्रभाव कुछ आता है
आता है समझ यही उचित जो हो रहा है
बुद्धि को न मन यह भ्रम में लगाता है
गाता है कृपा जो मिली नभ-सी असीम वाली
मस्तक हो नत बार-बार झुक जाता है
जाता है न लघु के आकार की शरण में ये
काल-महाकाल भाव इसको लुभाता है
—————————————
(उपरोक्त रचना *सिंह विलोकित छंद* में है।
(1)इसमें प्रथम पंक्ति का प्रथम शब्द ही आखिरी पंक्ति का आखिरी शब्द है।
(2) प्रत्येक पंक्ति का अन्तिम शब्द अगली पंक्ति का पहला शब्द है)
—————————————-
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

65 Views
Join our official announcements group on Whatsapp & get all the major updates from Sahityapedia directly on Whatsapp.

Books from Ravi Prakash

You may also like:
फक़त हर पल दूसरों को ही,
फक़त हर पल दूसरों को ही,
Aksharjeet Ingole
वो दिन आखिरी था 🏫
वो दिन आखिरी था 🏫
Skanda Joshi
देश के नौजवान
देश के नौजवान
Shekhar Chandra Mitra
***
*** " हमारी इसरो शक्ति...! " ***
VEDANTA PATEL
🌷साथ देते है कौन यहाँ 🌷
🌷साथ देते है कौन यहाँ 🌷
Dr.Khedu Bharti
मकर पर्व स्नान दान का
मकर पर्व स्नान दान का
Dr. Sunita Singh
जन्म गाथा
जन्म गाथा
विजय कुमार अग्रवाल
फाइल की व्यथा
फाइल की व्यथा
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
आँखें शिकायत करती हैं गमों मे इस्तेमाल हमारा ही क्यों करते ह
आँखें शिकायत करती हैं गमों मे इस्तेमाल हमारा ही क्यों करते ह
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
इन बादलों की राहों में अब न आना कोई
इन बादलों की राहों में अब न आना कोई
VINOD KUMAR CHAUHAN
मेरा महबूब आ रहा है
मेरा महबूब आ रहा है
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
हर शाखा से फूल तोड़ना ठीक नहीं है
हर शाखा से फूल तोड़ना ठीक नहीं है
कवि दीपक बवेजा
मैं अचानक चुप हो जाती हूँ
मैं अचानक चुप हो जाती हूँ
ruby kumari
वाह ग़ालिब तेरे इश्क के फतवे भी कमाल है
वाह ग़ालिब तेरे इश्क के फतवे भी कमाल है
Vishal babu (vishu)
मंजिल तक पहुंचने
मंजिल तक पहुंचने
Rashmi Mishra
बालकनी में चार कबूतर बहुत प्यार से रहते थे
बालकनी में चार कबूतर बहुत प्यार से रहते थे
Dr Archana Gupta
ग़ज़ल /
ग़ज़ल /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
सच है, दुनिया हंसती है
सच है, दुनिया हंसती है
Saraswati Bajpai
दस्ताने
दस्ताने
Seema gupta,Alwar
Maa pe likhne wale bhi hai
Maa pe likhne wale bhi hai
Ankita Patel
बदतमीज
बदतमीज
DR ARUN KUMAR SHASTRI
🦋 आज की प्रेरणा 🦋
🦋 आज की प्रेरणा 🦋
तरुण सिंह पवार
पड़ते ही बाहर कदम, जकड़े जिसे जुकाम।
पड़ते ही बाहर कदम, जकड़े जिसे जुकाम।
डॉ.सीमा अग्रवाल
औरों के धुन से क्या मतलब कोई किसी की नहीं सुनता है !
औरों के धुन से क्या मतलब कोई किसी की नहीं सुनता है !
DrLakshman Jha Parimal
💐प्रेम कौतुक-225💐
💐प्रेम कौतुक-225💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मेरा दामन भी तार-तार रहा
मेरा दामन भी तार-तार रहा
Dr fauzia Naseem shad
ग़ज़ल संग्रह 'तसव्वुर'
ग़ज़ल संग्रह 'तसव्वुर'
Anis Shah
दृढ़ निश्चय
दृढ़ निश्चय
RAKESH RAKESH
हम छि मिथिला के बासी,
हम छि मिथिला के बासी,
Ram Babu Mandal
पतझड़ तेरी वंदना, तेरी जय-जयकार(कुंडलिया)
पतझड़ तेरी वंदना, तेरी जय-जयकार(कुंडलिया)
Ravi Prakash
Loading...