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19 Oct 2022 · 2 min read

धार्मिक कार्यक्रमों के नाम पर जबरदस्ती वसूली क्यों ?

जब भी धार्मिक कार्यक्रम व त्योहार आते हैं, तो एक समूह धार्मिक कार्यक्रम और त्योहारों के नाम पर गली-गली, गांव-गांव घूमकर पैसा वसूलना शुरू कर देता हैं। आखिर धार्मिक कार्यक्रमों के नाम पर जबरदस्ती वसूली क्यों ? ठीक है आपको रामलीला, दुर्गापूजा व अन्य कोई धार्मिक कार्यक्रम करना है तो आप करिए, मगर किसी के घर में घुसकर किसी से आप जबरदस्ती 1000-2000 की मांग क्यों करते हो ? हम 1000, 2000 किसी धार्मिक कार्यक्रम के नाम पर क्यों दें ? जब हम किसी मुसीबत में होते हैं तो क्या तुम हमारे लिए धार्मिक कार्यक्रमों की तरह पैसा जमा करते हो ? नहीं.. नहीं… तो फिर!

कार्यक्रम और त्योहारों के नाम पर जबरदस्ती वसूली लगभग हर जगह होती है। क्या सरकार को इसके लिए कोई ठोस कानून बनाने की जरूरत नहीं है ? गांव में रामलीला कराने के नाम पर जबरदस्ती घर-घर घुसकर वसूली करते हैं, शहर में कभी कोई दुर्गा पूजा के नाम पर तो कभी कोई भंडारे के नाम पर तो कभी कोई किसी और धार्मिक कार्यक्रम के नाम पर जबरदस्ती वसूली होती हैं। अगर इस दौरान आप अपनी इच्छा से धनराशि देते हैं तो सामने वाला उस धनराशि को स्वीकार नहीं करता है, बल्कि आपसे जबरदस्ती एक ऐसे अमाउंट की मांग करने लग जाएगा जो शायद आप देने में एक नहीं करीब 10 बार सोचेंगे।

धार्मिक कार्यक्रम और त्योहार में जबरदस्ती पैसों की मांग करने वालों को कौन कहता है कि आप धार्मिक कार्यक्रम करिए ? धार्मिक कार्यक्रम और त्योहारों के नाम पर जो पैसा जमा होता है क्या वह पूरा धार्मिक कार्यक्रम में खर्च किया जाता है ? अगर वह पैसा धार्मिक कार्यक्रम पर खर्च होता है तो उसकी रिपोर्ट या पारदर्शिता किसी न्यूज़पेपर या चैनल के जरिए बताया क्यों नहीं जाता है ? क्या धार्मिक त्योहारों और कार्यक्रमों के नाम पर यह वसूली सही है ? धार्मिक कार्यक्रमों के नाम पर आप जबरदस्ती पैसा मांग कर लेकर चले जाते हैं, मगर किसी गरीब बच्चे की पढ़ाई, दवाई या किसी गरीब को खाना खिलाने के लिए आप जबरदस्ती वसूली नहीं करते हैं क्योंकि धार्मिक कार्यक्रमों के नाम पर जबरदस्ती वसूली करना ही आपका धर्म और व्यापार बन गया है। इसलिए हम सभी को धार्मिक कार्यक्रमों के नाम पर जबरदस्ती हो रही वसूली के खिलाफ बोलना और इसका विरोध करना होगा। तभी हम धार्मिक कार्यक्रम और त्योहारों के नाम पर अवैध जबरदस्ती हो रही वसूली को रोक सकते हैं।

– दीपक कोहली

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