Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Apr 2023 · 3 min read

गंदा धंधा

दुनिया का सबसे पवित्र व्यवसाय कौन सा है, यदि ये सवाल किसी से पूछा जाए तो बिना किसी हिचक के जबाब मिलेगा, चिकित्सा व्यवसाय. एक डॉक्टर की अहमियत भगवान् से कम नहीं होती. कोई भी आस्तिक व्यक्ति भगवान् पर जितनी श्रद्धा, विश्वास और भरोसा रखता है उससे यदि अधिक नहीं तो कम भी नहीं होता है एक मरीज और उसके परिजनों का अपने डॉक्टर पर भरोसा. ये भरोसा कुछ दिनों से टूटता नजर आ रहा है. सबको पता है की इसके पीछे सिर्फ और सिर्फ एक कारण है और वो है दौलत की हवस. सम्पन्नता की अंधी दौड़. आज ये सर्वविदित है कि कुछ एक अपवाद को छोड़कर प्रत्येक लैब, इमेजिंग सेंटर, दवा सप्लायर कम्पनियां एक मोटा कमीशन डॉक्टर को पहुंचाते हैं. प्राइवेट नर्सिंग होम एक उद्योग की तरह चल रहे हैं और सिर्फ एक मकसद के साथ कि कैसे मरीज की जेब से अधिक से अधिक उगाही की जाए जब तक कि उसकी और उसके परिजनों की ताकत है. यहाँ तक भी गनीमत थी. चिकित्सा सेवा की अवधारणा जब से सेवा से चिकित्सा व्यवसाय यानी धंधे में परिवर्तित हुई तब से उत्तरोत्तर पतन की और अग्रसर है. सर्वविदित निठारी कांड की पृष्ठभूमि में मानव अंगों की तस्करी ही थी. अपने व्यवसाय को अब डॉक्टर्स सीरियसली भी नहीं ले रहे हैं. एक घटना में उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के एक प्लास्टिक सर्जन ने एक नवजात के पेट का ओपेरेसन कर दिया और वह भी किसी दूसरे बच्चे के धोखे. एक ऐसी क्लिनिक जो सिर्फ प्लास्टिक सर्जरी के लिए पंजीकृत था, वहां एक डॉक्टर चंद सिक्कों की खातिर एक मानव जिन्दगी से खेल रहा था. अगर बच्चा बदलता नहीं तो ये राज भी राज ही रह जाता. एक दूसरी घटना में एक गलत ग्रुप का खून चदाकर जीवन की बलि चढ़ा दी जाती है. ये उदाहरण और घटनाएँ भी पूरे देश में यदा-कदा सुनायी देती रहतीं हैं. नवी मुंबई में एक प्राइवेट हॉस्पिटल के डॉक्टर ने आई.सी.यू. में भर्ती मरीज, जो कि अर्ध-मूर्छित अवस्था में थी, उसकी इस अवस्था का लाभ उठाकर वलात्कार किया. मरीज अपनी अवस्था के कारण शोर भी न मचा सकी और न ही अपनी मदद की गुहार कर सकी. होश में आने पर जब उसने अपने पति को घटना के बारे में बताया तो डॉक्टर की कारगुजारी जग-जाहिर हो सकी और डॉक्टर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की जा सकी. कोविड की आपात स्थिति के दौरान भी कुछ घटनाएँ बहुत ही शर्मनाक थीं, जिनको हर किसी ने भुगता या अपने किसी नजदीकी से सुना. इन सब घटनाओं का निष्कर्ष यह है कि इस देवतुल्य व्यवसाय का दिनों-दिन पतन होता जा रहा है और लालच का राछस इसे नरकलोक में धकेल रहा है. भ्रष्टाचार का भूत इस व्यवसाय के सर पर बुरी तरह सवार है. कैसे भी भ्रष्टाचार, भ्रष्ट आचरण को समाप्त करने का सार्थक उपाय सिर्फ दृढ इच्छाशक्ति में छिपा है. चिकित्सा व्यवसाय से जुड़े लोग ही व्यवसाय की गरिमा बनाए रख सकते हैं. बस जरूरत है तो इस बात की कि बिना किसी होड़ या लालच के व्यवसाय की गरिमा के अनुरूप अपने आचरण को मेंटेन रखना होगा तथा व्यवसाय के अनुरूप सच्ची मानव सेवा भाव रखने वाले व्यक्तियों को ही इस व्यवसाय को अपनाना चाहिए. डॉक्टरों का चुनाव करने की विधि ऐसी होनी चाहिए की जिससे प्रतिभागी की मानवीय संवेदनाओं का भी आकलन हो सके. पाठ्यक्रम में आवश्यक कठिन समाज सेवा का स्थान होना चाहिए तथा इस प्रकार होना चाहिए कि वो चिकित्सक के आवश्यक गुण समाहित कराने में सक्षम हो. इसके साथ ही अपने व्यवसाय सुलभ गुणों के विपरीत आचरण करने वाले चिकित्सकों के लिए सघन दंड का कानूनी प्रावधान भी होना चाहिए. आईये हम सब दुआ करें कि ईश्वर उन भ्रष्ट चिकत्सकों को सदबुध्धि दे. हमारी आस्था इस व्यवसाय पर जो शेष बची है वो अच्छुण बनी रहे जिससे कि वो धारणा न बन सके जिसमें कोई सच्चा सरल ईमानदार व्यक्ति अपने बच्चों को इस व्यवसाय को भेजनें के बारे में सोचना बंद ना कर दे जैसा कि आज राजनीति के साथ हो गया है. सेवा, सेवा बनी रहे ना कि धंधा.

रहम, त्याग, सेवा का
बाज़ार अब मंदा है
इस शहर से बच निकलो
ये अब नरक का पुलिंदा है.
खून की कीमत आज
पानी से फीकी है,
मेरे शहर के फरिश्तों की
शैतान से माशूकी है.
छोड़ कर सेवा भाव
स्वार्थ में अंधा है,
ये अब गंदा है
क्योंकि अब धंधा है.

@दीपक कुमार श्रीवास्तव “नील पदम्”

Language: Hindi
Tag: लेख
5 Likes · 6 Comments · 528 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
View all
You may also like:
एक ठंडी हवा का झोंका है बेटी: राकेश देवडे़ बिरसावादी
एक ठंडी हवा का झोंका है बेटी: राकेश देवडे़ बिरसावादी
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
हो रही है भोर अनुपम देखिए।
हो रही है भोर अनुपम देखिए।
surenderpal vaidya
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
सबको   सम्मान दो ,प्यार  का पैगाम दो ,पारदर्शिता भूलना नहीं
सबको सम्मान दो ,प्यार का पैगाम दो ,पारदर्शिता भूलना नहीं
DrLakshman Jha Parimal
//••• हिंदी •••//
//••• हिंदी •••//
Chunnu Lal Gupta
मेरी दुनियाँ.....
मेरी दुनियाँ.....
Naushaba Suriya
महादान
महादान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हक औरों का मारकर, बने हुए जो सेठ।
हक औरों का मारकर, बने हुए जो सेठ।
डॉ.सीमा अग्रवाल
दिल से बहुत बधाई है पोते के जन्म पर।
दिल से बहुत बधाई है पोते के जन्म पर।
सत्य कुमार प्रेमी
...
...
*प्रणय प्रभात*
सौगंध से अंजाम तक - दीपक नीलपदम्
सौगंध से अंजाम तक - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
दूर क्षितिज तक जाना है
दूर क्षितिज तक जाना है
Neerja Sharma
यूं गुम हो गई वो मेरे सामने रहकर भी,
यूं गुम हो गई वो मेरे सामने रहकर भी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
4692.*पूर्णिका*
4692.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हम ख़फ़ा हो
हम ख़फ़ा हो
Dr fauzia Naseem shad
काहे से की लवंडा बीबी पाया वर्जिन है। मोदी जी वाह क्या सीन है।
काहे से की लवंडा बीबी पाया वर्जिन है। मोदी जी वाह क्या सीन है।
Rj Anand Prajapati
"You’re going to realize it one day—that happiness was never
पूर्वार्थ
आप लाख प्रयास कर लें। अपने प्रति किसी के ह्रदय में बलात् प्र
आप लाख प्रयास कर लें। अपने प्रति किसी के ह्रदय में बलात् प्र
इशरत हिदायत ख़ान
"आत्मदाह"
Dr. Kishan tandon kranti
जहां प्रेम है वहां आनंदित हुआ जा सकता है, लेकिन जहां मोह है
जहां प्रेम है वहां आनंदित हुआ जा सकता है, लेकिन जहां मोह है
Ravikesh Jha
आप लोग अभी से जानवरों की सही पहचान के लिए
आप लोग अभी से जानवरों की सही पहचान के लिए
शेखर सिंह
स्वतंत्रता दिवस की बहुत बहुत बधाई शुभकामनाएं 🎉 🎉 🎉
स्वतंत्रता दिवस की बहुत बहुत बधाई शुभकामनाएं 🎉 🎉 🎉
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जीवन में दिन चार मिलें है,
जीवन में दिन चार मिलें है,
Satish Srijan
*कवि बनूँ या रहूँ गवैया*
*कवि बनूँ या रहूँ गवैया*
Mukta Rashmi
आशुतोष शंकर अविनाशी, तुम पर जग बलिहारी
आशुतोष शंकर अविनाशी, तुम पर जग बलिहारी
Dr Archana Gupta
अंत में पैसा केवल
अंत में पैसा केवल
Aarti sirsat
Haiku
Haiku
Otteri Selvakumar
भजन -आया श्याम बुलावा- अरविंद भारद्वाज
भजन -आया श्याम बुलावा- अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
एक   राखी   स्वयं के  लिए
एक राखी स्वयं के लिए
Sonam Puneet Dubey
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Loading...