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डाॅ. बिपिन पाण्डेय
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29 Mar 2023 · 1 min read
दोहा
दोहा
पक्षपात का हो नशा,जिसके शीश सवार।
आशा उससे न्याय की, करना है बेकार।।
डाॅ बिपिन पाण्डेय
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