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20 Feb 2023 · 1 min read

दोहा

दोहा
माँ के हाथों से बनी, चीज़ों में हो स्वाद।
सबको ऐसे तृप्ति दे, जैसे कथा प्रसाद।।
-डाॅ.बिपिन पाण्डेय

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