“दोस्ती”
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“दोस्ती”
दोस्ती करो निभाने के लिए,
दुश्मनी करो कुछ पाने के लिए।
दर्द को भी कुछ पल आराम दो,
सही ठिकाने लगाने के लिए।
कुछ दुश्मन भी तो रहे यारों,
दिल को दिल बनाने के लिए।
सच्ची दोस्ती वही निभाते ‘किशन’,
कई दुश्मन हों जिसे निपटाने के लिए।