*देखो दशहरा आया (मुक्तक)*

*देखो दशहरा आया (मुक्तक)*
______________________________
विजय का घोष करता सत्य, अति पावन भरा आया
कुटिल सत्ता को तजकर वन, अनोखा शुभ खरा आया
भरत के हाथ में हैं पादुका, लक्ष्मण-से भाई हैं
दशानन मारकर दुनिया में, देखो दशहरा आया
————————–
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451