Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jul 2016 · 1 min read

देखकर एक झोपड़ी आँख मेरी रो पड़ी

देखकर एक झोपड़ी आँख मेरी रो पड़ी !

सो रहा था एक बच्चा माँ की अपनी गोद में !
गोद में गुदड़ी नहीं थी साड़ी लिपटी तोद में !!

कह रही थीं माँ की ममता लाल मेरा सो गया !
दिन में अच्छा था भला रात में क्या हो गया !!

कोई तो उसको जगा दे आई कैसी ए घड़ी !
देखकर एक झोपड़ी आँख मेरी रो पड़ी !!

ठंड थीं उस दिन भयानक तन में कपड़े थे नहीं !
रब ना दे ऐसी गरीबी आँख मुझसे कह रही !!

सो गया भूखा वो बच्चा भाइयों के साथ में !
साथ में था माँ का आँचल टुकड़ा रोटी हाथ में !!

वोट पाकर खुश है नेता बात करता है बड़ी !
देखकर एक झोपड़ी आँख मेरी रो पड़ी !!

Language: Hindi
2 Comments · 948 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

बाल कविता: 2 चूहे मोटे मोटे (2 का पहाड़ा, शिक्षण गतिविधि)
बाल कविता: 2 चूहे मोटे मोटे (2 का पहाड़ा, शिक्षण गतिविधि)
Rajesh Kumar Arjun
True is dark
True is dark
Neeraj Kumar Agarwal
शिकवा
शिकवा
अखिलेश 'अखिल'
ज़िन्दगी  का  हिसाब ऐसा है
ज़िन्दगी का हिसाब ऐसा है
Dr fauzia Naseem shad
सीता स्वयंवर (सखी वार्ता)
सीता स्वयंवर (सखी वार्ता)
guru saxena
आज़ादी
आज़ादी
विजय कुमार नामदेव
"मासूम ज़िंदगी वो किताब है, जिसमें हर पन्ना सच्चाई से लिखा ह
Dr Vivek Pandey
सत्य,”मीठा या कड़वा”
सत्य,”मीठा या कड़वा”
मनोज कर्ण
आज उसने मूवी देखने का पूछा है मुझे,
आज उसने मूवी देखने का पूछा है मुझे,
ओसमणी साहू 'ओश'
ज़िंदगी यूँ तो बड़े आज़ार में है,
ज़िंदगी यूँ तो बड़े आज़ार में है,
Kalamkash
मेरी किस्मत पे हंसने वालों कब तलक हंसते रहोगे
मेरी किस्मत पे हंसने वालों कब तलक हंसते रहोगे
Phool gufran
होठों को रख कर मौन
होठों को रख कर मौन
हिमांशु Kulshrestha
4596.*पूर्णिका*
4596.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
5. इंद्रधनुष
5. इंद्रधनुष
Rajeev Dutta
मौसम का मिजाज़ अलबेला
मौसम का मिजाज़ अलबेला
Buddha Prakash
तुम्हारा स्पर्श
तुम्हारा स्पर्श
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
पिता प्रेम
पिता प्रेम
Jalaj Dwivedi
खुद को झोंक दे उस समंदर में कुछ बात बन जाए,
खुद को झोंक दे उस समंदर में कुछ बात बन जाए,
Anamika Tiwari 'annpurna '
अपनी भूल स्वीकार करें वो
अपनी भूल स्वीकार करें वो
gurudeenverma198
"प्रेम और क्रोध"
Dr. Kishan tandon kranti
“मन में घर कर गया हो अगर,
“मन में घर कर गया हो अगर,
Neeraj kumar Soni
जिंदगी
जिंदगी
Sangeeta Beniwal
*अध्याय 3*
*अध्याय 3*
Ravi Prakash
चाहे बड़े किसी पद पर हों विराजमान,
चाहे बड़े किसी पद पर हों विराजमान,
Ajit Kumar "Karn"
।।
।।
*प्रणय प्रभात*
लेखन
लेखन
Sanjay ' शून्य'
"लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल" (महान स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी)
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
स्वतंत्रता दिवस की पावन बेला
स्वतंत्रता दिवस की पावन बेला
Santosh kumar Miri
होने को अब जीवन की है शाम।
होने को अब जीवन की है शाम।
Anil Mishra Prahari
🏆 चैंपियन ट्रॉफी का मंजर निराला है,
🏆 चैंपियन ट्रॉफी का मंजर निराला है,
Rag Ranjan
Loading...