दुश्मन को दहला न सके जो खून नहीं वह पानी
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दुश्मन को दहला न सके जो खून नहीं वह पानी है, दे न सके जो सीस राष्ट्र को
उसकी व्यर्थ जवानी है।
a m prahari
दुश्मन को दहला न सके जो खून नहीं वह पानी है, दे न सके जो सीस राष्ट्र को
उसकी व्यर्थ जवानी है।
a m prahari