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9 Oct 2022 · 1 min read

जिसके दिल से निकाले गए

जिसके दिल से निकाले गए थे हम कभी
उन्हीं की आंखों में हम बसने लगे हैं !

जिसपे मिलने की ना होती फुर्सत कभी
वह हमसे मिलने को तरसने लगे हैं !!

✍कवि दीपक सरल

Language: Hindi
Tag: मुक्तक
3 Likes · 1 Comment · 107 Views
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